fundamental rights: article 19 में दिये आपके मूलभूत अधिकार

fundamental rights :  article 19  :-  दोस्तों, आप डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने लिखे हुए संविधान के बारे में तो जानते ही होंगे. आज हम उसी संविधान के एक आर्टिकल 19 अर्थात स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य के बारे में अधिक जानकारी लेंगे. यह अनुच्छेद आपको जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि इसी में आपके मूलभूत अधिकारों की बात की है और आपको रोज की जिंदगी में यह अधिकार उपयोग में लाने ही पड़ते, हैं ना? तो आइए हम जाने की इस अनुच्छेद में कौन-कौन से प्रावधान किए गए हैं.

fundamental rights :  स्वतंत्रता के अधिकार कितने हैं

जैसा कि संविधान में दिया गया है स्वतंत्रता के 6 अधिकार हैं. 1978 में हमारे संविधान में 44 वा संशोधन होने के पहले यह अधिकार 7 थे. लेकिन इंदिरा गांधी जी के कार्यकाल में संविधान में संशोधन होकर यह अधिकार 6 कर दिए गए है.

Restrictions on fundamental rights

दोस्तों, आप संविधान में देखेंगे, तो आपको स्वतंत्रता के जो कुछ अधिकार दिए गए हैं. उसी तरह उनपर रोक लगाने के लिए state government को भी कुछ कानूनी अधिकार दिए गए हैं. यानी कि आप अगर भारत की एकता या फिर अखंडता को ठेस पहुंचाने लायक कोई वक्तव्य करते हो, तो सरकार आपकी सोच और आपके कहने पर रोक लगा सकती है.

अगर आप अपने अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर किसी शत्रु राष्ट्र को अपने देश की संवेदनशील जानकारी बता रहे हो, तो ये कानून, सरकार को आपके खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार देता है. अगर आप public property का नुकसान करते हुए कोई हिंसा करते हो, या फिर हिंसा को बढ़ावा देते हो, तो आप पर कार्रवाई करने का सरकार को पूरा अधिकार है. सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह अधिकार आपको अपने मौलिक अधिकारों का दुरुपयोग या फिर नाजायज उपयोग करने से रोकता है.

what are fundamental rights |  फंडामेंटल राइटस क्या है और वो कौनसे है

दोस्तों, हमें हर मानव से मानवता का व्यवहार करने के सभी अधिकार हमारे संविधान में दिए हैं. आइए इन्हीं fundamental rights अर्थात स्वतंत्रता के अधिकारों के बारे में जानें.

19 A 
1) rights of express : अर्थात आपको खुद को अभिव्यक्त होने की पूरी तरह से आज़ादी है. आप को अपने विचार साझा करने से कोई टोक नहीं सकता.

2)  right to remain silent : अर्थात आपको कभी भी लगे तो आप साइलेंट अर्थात मौन भी रह सकते हैं. संविधान ने आपको यह भी अधिकार दिया है.

3) freedom of press :  यह अधिकार 44 में संशोधन के बाद लागू किया गया. इसमें यही बात बताई है कि अखबार में आपको अपने विचार छापने की स्वतंत्रता है. आपको अपने विचार लोगों से साझा करने से और उन्हें किसी भी अखबार में छापने से आपको कोई रोक नहीं सकता यह अधिकार संविधान में दिया गया है.

4) freedom of commercial advertisement :  आप किसी भी विज्ञापन के द्वारा पैसे कमा सकते हैं. आप को विज्ञापन के द्वारा पैसे जमा करने से कोई टोक नहीं सकता. संविधान में आपको एडवर्टाइजमेंट से भी पैसा कमाने का अधिकार दिया गया है

19 B   freedom of assembly : अर्थात आप लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं, या लोगों का समूह बना सकते हैं. लेकिन आप किसी भी रास्ते पर इकट्ठा नहीं हो सकते, या फिर किसी सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान नहीं कर सकते हो.

19 C   freedom of association : यानी कि आप को संगठन बनाने का अधिकार है. अर्थात किसी भी कंपनी या फिर काम के ठिकानों पर आप कोई भी trade union या फिर संघटना बना सकते हैं. लेकिन आप भारत की संप्रभुता के खिलाफ कोई संगठन नहीं बना सकते.

19 D  freedom of movement : अर्थात आप भारत में कहीं भी घूम फिर सकते हैं. आपको कोई भी घूमने से रोक नहीं सकता. लेकिन अगर सरकार किसी जगह पर जाने के लिए रोक लगाती है, तो आप उसके खिलाफ वहां पर नहीं जा सकते.

19 E   freedom of residence : अर्थात आप भारत में कहीं भी जाकर रह सकते हैं. आपको कोई कहीं भी रहने के लिए रोक नहीं सकता. आपको अपने देश में कहीं भी जाकर रहने का अधिकार दिया गया है. इससे आपको कोई वंचित नहीं कर सकता.

19 F   right to property : अर्थात आप प्रॉपर्टी अर्थात धन या फिर संपत्ति रख सकते हैं. लेकिन यह अधिकार 44 वें संविधान संशोधन में निकाल दिया गया है. अब यह आपका मौलिक अधिकार नहीं रहा है. यह आपका कानूनी अधिकार हो गया है.

19 F   freedom of occupation : किसी को भी किसी भी तरह का व्यवसाय करने का अधिकार है. अर्थात पहले जमाने में जो कुम्हार थे, वही मटके बनाते थे. कोई नाई था, तो वहीं बाल काटता था. लेकिन संविधान ने हमें ऐसी अधिकार दिए हैं, कि जिसे जो चाहें वो काम कर सकता है. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कोई इंजीनियर अस्पताल खोलकर ऑपरेशन करना चालू कर सकता हैं. क्योंकि उसके पास वो काम करने के लिए कोई क्वालिफिकेशन अर्थात उसकी योग्यता नहीं होती. एक तरह से हम सभी मौलिक अधिकारों में से इसे संविधान का सबसे महत्वपूर्ण अधिकार कह सकते है.

हमें आशा है कि fundamental rights: article 19 में दिये आपके मूलभूत अधिकार पर लिखा हमारा पूरा लेख पढ़कर आपको हमारे संविधान ने दिए हुए अधिकार और मौलिक कर्तव्य के बारे में पता चल गया होगा और आप इन अधिकारों का सही तरीके से उपयोग करेंगे.

Santosh Salve
Ssoft Group INDIA


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