College life : जिंदगी के खुशनुमा पल..

College… सबके जिंदगी के यादगार पल! बहुत से दोस्त हमें College में मिलते हैं और जिंदगी भर साथ निभाते हैं. हमारे जीवन को एक नया मोड़ College के दौरान ही तो मिलता है.

अक्सर हमने सुना है की College के दिन बहुत जल्दी खत्म हो जाते हैं. मैंने भी सुना था फिर उसका कितना भी मज़ा लिया जाए, कम ही लगता है. और College खत्म होने पर ऐसा ही लगता है की, “हाय, कितनी जल्दी खत्म हो गए ये College के दिन..!      

College के पहले दिन की यादें..

कॉलेज का पहला दिन मुझे नहीं लगता की कोई भी भूल सकता है. मैं अपनी बात करूं तो कॉलेज में मेरा पहला दिन बहुत ही आपत्ती भरा रहा. क्योंकि नया शहर और नया कॉलेज. फिर अकेले ही जाना था, इसीलिए सबसे पहले तो कॉलेज ढूंढने में ही मुश्किल हुई. और जब कॉलेज मिल गया, तो क्लास मिलने से रह गयी.

जैसे तैसे दोनों मिल गए फिर एक दोस्त मिल गई और शुरू होगा मेरा कॉलेजकॉलेज अगर पहले से मालूम हो, तो दिक्कतें कम हो सकती है. पर अगर नया हो तो बहुत सी नई चीजों का सामना करना पड़ता है. फिर भी वह अनुभव जिंदगी भर यादगार साबित होते है.

College और दोस्त…

अब कॉलेज है, तो दोस्तों को कैसे भुला जाए! मुझसे पूछो तो कॉलेज से दोस्त और दोस्त से जिंदगी. कॉलेज में बहुत से senior लोग मेरे दोस्त बन गए. पहले तो उनके साथ घुलना-मिलना बहुत मुश्किल था. कॉलेज में पहले 6 महीनेभर तो मेरे सिर्फ एक ही दोस्त थी मेरी.

उसके बाद हमारे कॉलेज से एक ट्रिप जाने वाली थी. जिसमें मैंने भी सहभाग लिया. पर उन सब में मेरी किसी से भी जान पहचान नहीं थी. बस नियोजन के लिए हम एक दूसरे से मिले थे. फिर भी मैं उन लोगों के साथ ट्रिप पर चली गई. वह मेरी पहली ट्रैक थी. या फिर इसे आप ट्रिप भी कह सकते हैं. जिसमें टीचर्स हमारे साथ नहीं थे.

सिर्फ छात्र और छात्राएं ही मौजूद थे. जैसे ही बस से उतर कर हमारी ट्रेकिंग शुरू हो गई. लेकिन मैं धीरे-धीरे खुद को अकेला महसूस करने लगी. क्योंकि सब लोग अपने अपने ग्रुप बनाकर हंसी मजाक करते हुए चल रहे थे. पर मेरा कोई जान पहचान वाला नहीं था. इसीलिए मुझे बहुत अकेला महसूस होने लगा. उन लोगों को यह बात ध्यान में नहीं आई.

फिर जैसे ही हम ट्रेकिंग करके रहने की जगह पहुंच गए. तब उन्होंने ऐसे ही बातों बातों में सब से पूछ लिया कि आपको कैसा लगा..? फिर क्या कुछ बोलने से पहले मैं रो पड़ी. मुझे घर जाना है, मुझे यहां पर बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा. मेरा मन नहीं लग रहा. फिर उन सब ने मुझे समझाया. और मुझ पर इतना ध्यान देने लगे कि मुझे अकेला बिल्कुल महसूस नहीं हुआ.

मैंने पूरा ट्रिप बहुत मस्ती से मनायी. वो यादगार पल और वह लोग, लोग कहा…? वो तो मेरे दोस्त ही बन गए थे. उन्हें मैं कभी नहीं भूल सकती. ऐसे ही कुछ आपके भी अनुभव रहे होंगे. वो लोग कॉलेज में हमें अक्सर अलग-अलग समारोह में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहन देते थे. उनके कारण मैंने कॉलेज में पहले साल ही बहुत से समारोह मैं हिस्सा लिया. कॉलेज के समय हम एक साथ मिलकर घूमने जाते नाइट आउट करते थे.

जो अकेले करना शायद मुमकिन नहीं होता. बहुत सी बातों पर चर्चा करते थे. मैं और मेरे दोस्त एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते थे. इसलिए कभी घर की कमी महसूस नहीं हुई. दोस्तों के साथ बताये हुए सभी पल मेरे लिये बहुत खास थे.

College से मिली सीख..

      हमारे सभी अध्यापक सच में एक से बढ़कर एक अच्छे थे. उन्होंने हर चीज में हमें सपोर्ट किया. हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा उनसे ही मिली. अध्यापक चाहे किसी भी कक्षा से हो. हमारे जीवन में अक्सर महत्वपूर्ण मार्गदर्शक होता है. उनसे हमें कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है. कॉलेज जीवन के अध्यापक से हमारे जीवन को नया नजरिया मिलता है.

अपने जीवन का सफर हम वहीं से तय करते हैं. अपने जीवन में हमें क्या बनना है, क्या नहीं बनना है, इसे बताने वाले हमारे अध्यापक होते हैं. मुझे मेरे अध्यापक से बहुत कुछ सीखने को मिला. किसी से उनके जीवन का अनुभव, तो किसी से उनके जीवन का रहन सहन, किसी से उनका प्रतिभाशाली वक्तव्य, तो किसी से उनका स्वभाव. ऐसी बहुत सी बातें है. हर एक बात मैं बता नहीं पाऊंगी.

कॉलेज (College) जीवन और फिलहाल का जीवन..

मैं अभी भी मेरे कॉलेज जीवन को बहुत ज्यादा याद करती हूं. हाल का जीवन देखा जाए, तो बहुत ज्यादा भागदौड़ भरा हो गया है. कॉलेज के जीवन का सुकून उसमें नहीं है.सब दोस्त अब आपने अपने काम में व्यस्त हो गए हैं. कभी मिलते भी है तो काम की बात होती है. अक्सर किसकी जिंदगी में क्या चल रहा है, यह एक दूसरे को बताने तक का समय नहीं है.

अगर कोई बात बता भी देते हैं, तो समझने तक का समय नहीं मिल पाता. कॉलेज मे हम रोज मिलते थे. जो अब नहीं हो पाता. कॉलेज में जो हंसी मजाक होता था. खाना-पीना और अपनी ही धुन में जीना, अब वह मुमकिन नहीं है. अब एहसास होने लगा है कि बचपन खत्म हो गया. अब हम जिम्मेदारी भरा जीवन मानो जीने लगे हो. 

कॉलेज के दिन फिर भी कॉलेज के दिन ही होते हैं. उन्हें याद करके हम मुस्कुरा सकते हैं .

अगर हमारा कॉलेज जीवन पर आधारित  “College life : जिंदगी के खुशनुमा पल…”   यह लेख पढ़कर आपको भी अपने कॉलेज के दिनों की याद आई हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करते हुए हमें जरूर बताइएगा!

Vrushali Suvarna Dnyandev
Ssoft Group INDIA


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