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Atmanirbharta: दोस्तों, आज हम ‘आत्मनिर्भरता सीख लो, सब कुछ मिल जाएगा’ इस लेख के भाग-1 के बारे में बात करेंगे.आज हमारे देश में आत्मनिर्भरता इस विषय पर बात हो रही है.
आत्मनिर्भरता यह एक ऐसा शब्द है, यदि आप इसको समझ गए, तो आपके जीवन में आने वाली हर समस्या आप से कोसों दूर चली जाएगी. तो आइए आजके लेख में आत्मनिर्भरता के बारे में पूरी जानकारी लें.
हाथी और शेर आत्मनिर्भरता की कहानी (Atmanirbharta ki kahani)
हम सब जानते हैं कि शेर की अपेक्षा हाथी बहुत बड़ा, बलवान और भारी होता है. फिर भी अकेला शेर, दर्जनों हाथियों को भगाने में समर्थ होता है. क्या आपने कभी सोचा है, आखिर ऐसा क्यों होता है?
क्योंकि हाथी अपने शरीर पर, अपनी शक्ति पर भरोसा नहीं करता, जबकि शेर अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास रखता है. हाथीयों के झुंड बनाकर चलने से ही उनका डर झलकता हैं; लेकिन अकेले शेर का भी सबको भय लगता है.
शेर के अकेले चलने के पीछे उसका निडर और आत्मनिर्भरता पूर्ण स्वभाव होता है, जो उसे सभी जानवरों से अलग और शक्तिशाली बनाता है और इसीलिए शेर जंगल का राजा कहलाता है. इस बात से हमें यह समझ में आता है कि जिस व्यक्ति के अंदर भय होता है, वह कभी भी, कही भी अकेले नहीं जा सकता और ना ही अकेले कोई काम कर पाता है.
जब हाथी विश्राम करते हैं तो किसी एक हाथी को पहरेदारी करनी पड़ती है. उन्हें हमेशा शेर के आक्रमण का डर सताता रहता है. यदि हाथी अपनी ताकत पर भरोसा करें, तो वे कई शेरों को भी अपनी सुंड से उठाकर पटक सकते हैं. परंतु बेचारे हाथी को खुद पर इतना विश्वास नहीं होता, इसलिए उसमें साहस का अभाव बना रहता है.
हमें स्वयं को नीच, अधम, दुखी, पापी या अभागा कभी भी नहीं मानना चाहिए. आप अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानिए और उस पर विश्वास करें. सदा सकारात्मक ही सोचें, क्योंकि कहा गया है कि जो जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है.
तो दोस्तों, आज हमने ‘Atmanirbharta:आत्मनिर्भरता सीख लो, सब कुछ मिल जाएगा‘ इस लेख का भाग-1 देखा. इसका भाग-2 हम जल्द ही आपके लिए लेकर आएंगे, तबतक हमारे साथ जुड़े रहें और अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करें.
✍? संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया