Short Hindi Stories

चूहा, मुर्गा, और बिल्ली: (Hindi Story)

बचपन से आप कई कहानिया सुनी होगी, चलो आज भी एक चूहा, मुर्गा, और बिल्ली की कहानी पढ़ते है…

चूहे का एक बच्चा पहली बार बील से बाहर निकला था. थोड़ी देर इधर उधर भटकने के बाद वह चूहे का बच्चा वापस अपनी बील में चला गया. और वह अपनी मां से कहने लगा, मां इस छोटी सी जगह में आपने मुझे बड़ा किया. इस छोटी सी जगह को छोड़ कर, जब मैं बाहर जाकर आया, बाहरी दुनियां में मैंने जो देखा मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता.

मैं जिस रास्ते से गुजर रहा था, तो मैंने दो पशुओं को देखा. उन दोनों पशुओं में से एक काफी जल्द बाज़ी किस्म का था. और उस के सिर पर एक लाल रंग की तुरही भी थी. वो जब कभी बी अपनी गर्दन को हिलाता था,साथ ही साथी उसके सिर पर की तुरही भी हिलती थी. मैं उसे बड़े ही प्यार से देख रहा था, साथ में आनंद भी उठा रहा था.

इतने में उसने अपने दोनों हाथ हिलाए, और ऐसा जोर शोर से आवाज किया की. मेरे दोनों कान फट गए, और मुझे काफी डर लगा. अब मैं तुम्हें दूसरे पशु के बारे में बताता हूं. वह काफी सयाना और काफी शांत था. उसका शरीर नरम कपड़े से ढका हुआ था. उसका रहन सहन ऐसा था कि उसके साथ अपनी दोस्ती हो. ऐसा उस वक्त मुझें लगा.

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उसका यह भाषण सुनने के बाद उस छोटे चुहे की मां उसे कहने लगी. “शरारती बच्चे” तुम्हें कुछ भी अक्ल नहीं है. तु अगर दिखावें पर जाएगा तो बुरी तरह फसेगा. यह बात हमेशा ध्यान में रखना. “तुमने जिस पशु को पहली बार देखा, जिसका तुम्हें डर लगा. वह बेचारा एक मुर्गा है. उसके मांस का एक टुकड़ा हमें खाने को मिल सकता है. लेकिन जिस पशु का शरीर नरम कपड़े से ढका हुआ था. वह काफी दुष्ट, और झूठे किस्म की एक बिल्ली है. उसे सिर्फ चूहा खाना ही पसंद है. यह बात हमेशा ध्यान में रखना.

तात्पर्य :- बाहरी दिखावा और सुंदरता से किसी की भी परीक्षा करना संभव नहीं है.

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? अनुवादक
योगेश बेलोकार  
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया