रोटी, कपड़ा, मकान, और किताबें इंसान के लिए क्यों जरूरी है? क्या कारण है कि,इंसान रोटी,कपड़ा और मकान के अलावा क्यों नहीं रह पा रहा. विगत कुछ सदियों से यह प्रश्न हमेशा निर्माण हो रहा है. क्या इस प्रश्न के आगे हम नहीं बढ़ पा रहे? तो इस विषय पर हम अधिक रूप से चर्चा करें. ताकि यह प्रश्न खुलकर लोगों के लिए उपलब्ध हो. क्यों की स्वतंत्रता मिलने के बाद भी यह प्रश्न अभी भी अपनी जगह बना हुआ है.
रोटी के साथ इंसान के लिए क्या जरुरी है?
इंसान दिनभर मेहनत इसलिए करता है ताकि कुछ पैसा कमा सके. जिसके बल पर वह अपने परिवारजनों की आवश्यकता पूरी कर सके. रोटी इंसान के लिए जरूरी है. क्यों की उसके बिना इंसान के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती!
आखिर लोग पैसा क्यों कमाते है? अपनी परिवार कि बेहतर ढंग से सुरक्षा कर सकें. पर्याप्त चीजें उनको मुहैया कर सकें. इसिके लिए इंसान दिनभर घर से बाहर निकालता हैं. भोजन करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि इंसान के लिए जिंदा रहना महत्वपूर्ण है.
रोटी अगर समय पर इंसान को ना मिले तो क्या हो सकता है? इसकी हम आज Covid-19 के चलते कर सकते हैं. देश में बहुत से लोग है कि को आज भी रोटी के लिए चिंतित हैं. जिनके पास आवश्यक या पर्याप्त चीजों की कमी है. या यूं कहिए कि उनके पास अच्छी शिक्षा नहीं है कि जिसकी सहायता से वो रोटी कमा सकें.
एक सही जीवन बिताने के लिए रोटी कमाना बेहद जरुरी होता है.
हम सभी लोग भारत की परंपरा को आज भी सही ढंग से बनाकर रखें है. मनुष्य के जीवन की एक शैली है जो कपड़े के माध्यम से बनी रहती है. यह बात अलग है कि कलाकारों की शैली को युवा वर्ग अपना रहा है. चाहें उसके परिणाम कुछ भी हों.
स्वतंत्रता आपको मिली है इसका मतलब ये नहीं होता कि आप गैर जिम्मेदाराना हरकतें करें. स्वतंत्रता मिली है तो उसका महत्व समझें. उसका प्रदर्शन कतई ना करें. ध्यान रहें की आप पुरुष हो या स्त्री हो आपका शरीर पूरी तरह ढका हुआ हो. ताकि जब आप किसी के आगे जाएं तो फक्र से आपके माता पिता की एवं अपने देश की नए लोग सराहना करें.
बहुत से उदाहरण है कि लोगों को आज भी शरीर ढकने के लिए पर्याप्त कपड़े नहीं हैं. या यूं कहिए कि आपको वह सब मिल रहा है. जिसके लिए कुछ लोगों को काफी मेहनत करनी पड़ती हैं. कपड़ों के माध्यम से ही इंसान कि पहचान होती है. उसे बनाए रखें बिगाड़े नहीं.
आपके माता पिता, या आपके उम्र से बड़े व्यक्तियों को देखें उनसे सीखें क्या आपकी तरह वो कपड़े पहनते है?
बावजूद इसके कि आपकी सीखने कि इच्छा हो. कहना आसान होता है लेकिन स्वीकारना बेहद मुश्किल होता है. अच्छी बातों का या फिर अच्छे कपड़ों का स्वीकार करें.
चिड़िया, या पंछी तिनका तिनका इकठ्ठा कर कर अपना घोंसला बनाते है. ताकि उनका परिवार सुरक्षित और बेहतर रहें. उसी तरह इंसान को भी रहने के लिए गुजारा करने के लिए मकान बेहद जरूरी होता है.
ताकि वह अपने घर में स्वतंत्रता महसूस करें. सरकार भी गरीबों के लिए पर्याप्त मात्रा में मकान उपलब्ध कर रही है. लोगों को एक मकान मिले और वह सुरक्षित रहें. आसानी से किसीका मकान नहीं बनता उसके लिए मेहनत करनी पड़ती है.
तिनका तिनका हासिल करना पड़ता है तब जाकर मकान बनता हैं. इसलिए मेहनत करें ताकि आप अपना मकान जैसा आपको चाहिए आप बना सकें. आपके बच्चों को आगे कोई भी परेशानी का सामना ना करना पड़े. इसलिए मकान बनाना बेहद जरुरी होता है.
किताबो की अहमियत
किताबों का महत्व आज भी अपनी जगह पर्याप्त हैं. बेहतर यहीं है कि आप किताबों से क्या हासिल करते हैं. या क्या नया सीखने की कोशिश करते है. किताबों के माध्यम से ही आप अपनी बात किसिके भी सामने पेश कर सकते हैं. आनेवाली कठिनाई का सामना आप बेहतर तरीके से कर सकतें है. अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया करा सकते हो.
सही और ग़लत या फिर अच्छा और बुरा? दोनों में फर्क कर सकते हैं. अशिक्षित लोगों को आप किताबों के माध्यम से शिक्षित कर सकते हों. समय का उपयोग आप किताबें पढ़कर कर सकते हैं. ताकि शिक्षा कि परंपरा बनी रहें.
किताबों के माध्यम से ही कठिनाई का हम सब डंटकर मुकाबला कर सकते हैं.
नई चीजें हमें किताबों के माध्यम से सीखने को मिलती है. आपकी पढ़ने की गति आप किताब पढ़कर बढ़ा सकते हैं. किताबों के माध्यम के चलते आप लोगों में डर कि भावना खत्म कर सकते है. जितने भी लोग अपनी निजी या सार्वजनिक जीवन में सफल हुए है तो इसका एक मात्र कारण यहीं है कि उन्होंने किताबों का सही उपयोग किया है. इसलिए किताबें इंसान को पढ़ना बेहद जरूरी बनता है. ताकि आनेवाले कल के लिए उनको कीसिके सामने हाथ ना फैलाना पड़े.
आप अपने बच्चों को रोटी, कपड़ा, मकान जरूर मुहैया करें. लेकिन हमेशा आपके बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें. ताकि अपने देश की परम्परा बनी रहें. आपके संस्कार बने रहें. इसलिए छोटे माध्यम से ही सही उनको किताबें पढ़ने के लिए दे.
हमेशा देखें, उनसे वार्तालाप करें. की आपने कौन कौन सी किताबें पढ़ी? उस किताबों से आपने क्या सीखा? इसकी चर्चा परिवारजनों में करें. किताबें पढ़ना भी मेहनत का ही काम होता है.
देखना कि किताबें पढ़ना कभी व्यर्थ नहीं जाएगा. आपकी मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी.
किताब का मतलब यह होता है कि, जैसे आपके मन की स्वच्छता करनेवाला एक साबुन. ज्ञान यह पैसों से श्रेष्ठ है, क्यों की पैसों का संरक्षण आपको करना पड़ता है. लेकिन ज्ञान आपका संरक्षण करता हैं.
© योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया