By Ashish Kale
March 28, 2022
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इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के अनुसार रमजान के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. माना जाता है कि रमजान के दौरान ही पैगंबर मोहम्मद ने अल-कुर ए का पहला रहस्योद्घाटन किया.
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह नौवां महीना होता है. रमजान में मुसलमानों के द्वारा रोजा यानी कि उपवास रखा जाता है एवं रोज नमाज अदा की जाती है.
मिस्र देश के नेशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी एंड जियोफिजिक्स के अनुसार इस साल रमजान 2 अप्रैल 2022 से शुरू होने की उम्मीद है.
रमजान महीने का अर्धचंद्र शुक्रवार, 1 अप्रैल को दिखाई देगा. इस हिसाब से भारत में रमजान का पहला दिन 2 अप्रैल होगा. भारत से लेकर पूरे विश्व भर में रमजान का स्वागत किया जाता है.
मुसलमानों के लिए उपवास का बहुत धार्मिक महत्व होता है. क्योंकि इससे आत्म संयम एवं धैर्य बढ़ता है. इसलिए रमजान के महीने में हर मुसलमान को रोजा रखना चाहिए.
रमजान के महीने में सुबह से कुछ समय पहले सुहूर के साथ दिनचर्या शुरू करनी चाहिए. इसमें मुसलमान पूर्व व्रत भोजन कर सकते हैं.
मुसलमानों को दिन में पांच बार नमाज अदा करनी चाहिए. इसमें पहली नमाज फज्र कहलाती है. रमजान में फज्र उपवास का शुरुआती प्रतीक होता है.
इसके बाद मगरिब की नमाज अदा की जाती है. सूर्यास्त के समय किए जाने वाले भोजन को इफ्तार कहते हैं. पैगंबर मोहम्मद की तरह ही मुसलमानों द्वारा उपवास तोड़ने के लिए खजूर खाए जाते है.
तरावीह की नमाज़ रात में होती है और अंत में ईशा की नमाज दिन की याद दिलाती हैं. पूरी दुनिया भर की मस्जिदों में नमाज में कुरान का पठन किया जाता है.
रमजान का महीना मुसलमानों को अल्लाह के करीब आने का अवसर देता है. मुसलमानों का विश्वास है कि इस महीने में पवित्र कुरान को स्वर्ग से नीचे भेजा गया था.
रमजान के महीने में उपवास के दौरान धूम्रपान या यौन संबंध को वर्जित किया गया हैं. इफ्तार के बाद मुसलमान अपने परिवार एवं दोस्तों से मिलने जाते हैं.
हम सभी को रमजान के महीने में रोजे रखते हुए अल्लाह की इबादत करनी चाहिए. तभी अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ करते हुए जन्नत बख्श सकता है. सभी को रमजान मुबारक!
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