By Malvika Kashyap
March 28, 2022
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भारत देश को देवताओं की भूमि कहा जाता है. माना जाता है कि इसी धरती पर मनुष्य के रूप में भगवान श्रीराम ने अवतार धारण किया था.
हिंदू मान्यता अनुसार भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश ये तीनों मिलकर सृष्टि का पूरी तरह से संचालन करते हैं. और जब भी इस धरती पर पाप बढ़ता है, तो भगवान अपना अवतार लेते हैं.
इसी अवतार में भगवान श्री विष्णु ने श्रीराम के रूप में मनुष्य योनि में जन्म लेकर समस्त मानव जाति का कल्याण किया था. इसी वजह से रामनवमी को मनाते हैं.
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन रामनवमी को पूरे उत्साह के साथ दुनिया भर में मनाया जाता है. अयोध्या के दिव्य शासक श्रीराम के रूप में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.
रामनवमी के दिन उत्तर भारत में बड़ा जुलूस निकाला जाता है. इसमें भगवान श्री राम, लक्ष्मण, माता सीता एवं शिष्य हनुमान के सजे हुए रथ का जुलूस निकाला जाता है.
भगवान श्रीराम को सदाचार का प्रतीक माना जाता है. और उन्हें 'मर्यादा पुरुषोत्तम राम' के नाम से भी जाना जाता है.
हिंदू पंचांग अनुसार श्रीराम का जन्म मध्यान्ह काल में व्याप्त नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में राजा दशरथ के घर हुआ था. दुनिया भर में श्रीराम भक्तों द्वारा रामनवमी मनाई जाती है.
हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार भगवान श्री राम ने रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए धरती पर अवतार लिया था.
भगवान विष्णु के श्रीराम अवतार को सच्चाई एवं अच्छाई के रूप में सभी लोगों द्वारा पूजा जाता है. रामअवतार को शांति एवं समृद्धि से रामराज्य स्थापित करने के लिए माना जाता है.
रामनवमी के इस पावन दिन पर श्रद्धालुओं द्वारा श्रीराम जी की मूर्तियों को पालने में झूलाते हैं. इस साल रामनवमी रविवार, 10 अप्रैल 2022 के दिन मनाई जा रही है.
इस दिन भक्त प्रात:काल स्नानादि कर्म करके व्रत एवं उपवास का पालन करते हैं. साथ ही भजन कीर्तन करते हुए भगवान के नाम में डूब जाते हैं. तथा श्रीराम कथा सुनते हुए भाव विभोर होते हैं.
कई जगहों पर श्रीराम के भक्तों द्वारा भंडारे एवं प्रसाद का वितरण भी किया जाता है. प्रभु के भजन गाते हुए विभिन्न धार्मिक किताबों को पढ़ना, जप-जाप करना आदि भी शुभ माना जाता है.
भगवान श्रीराम की पावन भूमि अयोध्या में भी रामनवमी का उत्सव लाखों राम भक्तों एवं श्रद्धालुओं द्वारा मनाया जाता है. अयोध्या स्थित पवित्र सरयू नदी में लोग स्नान करते हैं.
आइए हम भी भगवान श्रीराम के पावन चरणों में शीश झुकाते हुए इस रामनवमी को उत्साह एवं उमंग के साथ मनाएं. श्रीराम की तरह हमें भी मर्यादा का पालन करने की सीख लेनी चाहिए! जय श्री राम!
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