By Malvika Kashyap
April 21, 2022
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किसी भी स्त्री के लिए मां बनना जिंदगी में सबसे सुख का एहसास होता है. गर्भावस्था में स्त्री अपने आप को सबसे ज्यादा सौभाग्यशाली समझती है.
ऐसे में गर्भावस्था प्राप्त महिला के स्वास्थ्य को लेकर उसके परिवार वालों समेत सभी चिंतित रहते हैं. उसके खानपान एवं स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है.
ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के लगभग 10 सप्ताह में भ्रूण बन जाता है. साथ ही उसका विकास होने लगता है.
ऐसे में किसी बाहरी चीज के वजह से उसके प्रभावित होने की संभावना बढ़ती है. भ्रूण की हलचल से उसके स्वास्थ्य के सिग्नल मिलते रहते हैं.
गर्भावस्था के लगभग 5 महीने बाद बच्चा हलचल करना शुरू करता है. 6ठे एवं 7वें महीने में उसका दर्द, आवाज या हल्की हलचल बढ़ती है.
कई बार छठे एवं सातवें महीने में भ्रूण की हलचल कम हो सकती है. कई बार भ्रूण का कम गति से विकास यह उसके ना घूमने का कारण हो सकता है.
साथ ही अगर गर्भावस्था में भ्रूण तक ऑक्सीजन ठीक तरह से अगर ना पहुंचे, तब भी उसकी हलचल और घूमना कम हो सकता है.
कई बार स्त्री अपने काम में होती है तो उसे पेट में बच्चे के घूमने की हलचल पता नहीं चलती. लेकिन आराम करते हुए भी अगर भ्रूण की हलचल ना हो, तो डॉक्टर से मिले.
पेट में भ्रूण सबसे ज्यादा रात के समय हलचल करता है. कई बार ज्यादा शोर या रोशनी होती है तब भी बच्चा ज्यादा हलचल कर सकता है.
गर्भावस्था में शिशु के घूमने या हलचल के बारे में केवल सामान्य तौर पर जानकारी बताई गई है. किसी भी तरह की परेशानी या समस्या के लिए तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
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