By Malvika Kashyap
May 12 2022
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कई बार गर्भावस्था के 3 से 4 महीने के भीतर ही गर्भ में पल रहा भ्रूण नष्ट हो जाता है, इसे मिसकैरेज कहते हैं. माता-पिता के लिए यह बड़ा सदमा हो सकता है
मिसकैरेज अर्थात गर्भपात के लिए कई बार मां को ही गलत जिम्मेदार ठहराया जाता है, जो कि सही बात नहीं है. क्योंकि इसके कई सारे कारण हो सकते हैं.
कई बार भ्रूण में असामान्य क्रोमोजोम्स तैयार होते हैं. अर्थात कम या फिर ज्यादा क्रोमोजोम्स मिसकैरेज के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
30 साल से कम उम्र वाली 10 में से एक महिला एवं 45 साल से ज्यादा की 10 में से 5 महिलाएं मिसकैरेज की शिकार हो सकती है.
पार्टनर के असामान्य क्रोमोजोम्स की वजह से प्लेसेंटा एवं भ्रूण के विकास में समस्या आ सकती है. खून और पोषक तत्वों की कमी भी आ सकती है.
लगभग 3 महीने की गर्भावस्था के बाद मिसकैरेज होने पर गर्भाशय कमजोर हो सकता है. साथ ही PCOS या इंफेक्शन भी हो सकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार मिसकैरेज के कई कारण हो सकते हैं. इसमें थायराइड, सर्वाइकल कमजोरी जैसी समस्याओं से प्रजनन क्षमता कम हो सकती है.
मिसकैरेज में ब्लीडिंग होने से पेट में बहुत दर्द या ऐंठन महसूस हो सकती है. साथ ही प्राइवेट पार्ट से टिशू या फ्लूड का डिस्चार्ज भी इसका लक्षण हो सकता है.
कई बार प्रेगनेंसी के पहले 3 महीनों में ब्लीडिंग हो सकती है. यह सिर्फ मिसकैरेज से ही नहीं होती. लेकिन फिर भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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