By Ashish Kale
March 8, 2022
Note अगले स्लाइड पर जाने के लिए, या फिर विज्ञापन स्किप करने के लिए स्क्रीन को टच करें
भारत के पूर्व में ओडिशा के पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है. हिंदू धर्म के अनुसार इसे चार प्रमुख धामों में से एक माना जाता है. आइए इसके तथ्यों के बारे में जाने!
जगन्नाथ पुरी को धरती का वैकुंठ कहा जाता है. मंदिर के शिखर पर मौजूद ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में ही लहराता है. और हर रोज इस झंडे को बदला भी जाता है.
शिखर पर मौजूद 1 टन का सुदर्शन चक्र मंदिर के निर्माण के समय बिना मशीनरी के इतनी ऊंचाई पर कैसे रखा गया, यह किसी को पता नहीं है. साथ ही हर दिशा से इस चक्र का एक समान रूप दिखाई देता है.
माना जाता है कि मंदिर के ऊपर से कोई हवाई जहाज या पक्षी नहीं उड़ते. तर्कसंगत रूप से यह मार्ग भारत के हवाई यातायात का मार्ग ना होने के कारण यहां से कोई हवाई जहाज नहीं उड़ता.
हर रोज मंदिर में हजारों लोगों के लिए भोजन प्रसाद बनाया जाता है. मगर हिंदू मान्यता के अनुसार भोजन बर्बाद ना करने की वजह से यहां का प्रसाद कभी व्यर्थ नहीं जाता.
मंदिर में मौजूद मुख्य द्वार यानी कि सिंह द्वार से जब प्रवेश करते हैं तो समुद्र तट पर स्थित होने पर भी इस मंदिर में समुद्र की लहरों का शोर सुनाई नहीं देता
कलिंग शैली में बने इस मंदिर की एक और खास बात यह है कि गुंबद बने होने के बावजूद इस मंदिर की परछाई दिन में नहीं बनती है.
पारंपारिक तरीके से सात बर्तनों को एक के ऊपर एक चढ़ाकर प्रसाद पकाया जाता है. मगर सबसे ऊपर वाले बर्तन की सामग्री पहले पक जाती है और उसके बाद नीचे के बर्तनों का प्रसाद पकता है.
जगन्नाथ पुरी के मंदिर परिसर में लोगों के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद को बनाने के लिए लगभग 500 रसोइए और उनके 300 सहयोगी रसोइए एक साथ काम करते हैं.
हिंदू धर्म के अनुसार चार धामों में एक माने जाने वाले जगन्नाथ पुरी के दर्शन करने के लिए आपको एक बार यहां जरूर जाना चाहिए!
Next Web Story
To visit next Web Story, Swipe Up the following button or Click on it 🙏 Thank You!