By Sagar Wazarkar
April 4, 2022
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भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए बहुत बड़ी खबर है. भारतीय शोधकर्ताओं ने ऐसी आकाशगंगा की खोज की है जो अब तक छुपी हुई थी. इसका नाम UVIT J2022 रखा है.
दरअसल यह आकाशगंगा तारा बनाने वाला एक क्षेत्र है. सबसे महत्वपूर्ण बात कि यह आकाशगंगा हमारे मिल्की वे आकाशगंगा के पड़ोस में ही लगभग 136 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है.
बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स के शोधकर्ताओं की टीम ने NGC6902A इस पहले से ही ज्ञात आकाशगंगा का अध्ययन करते हुए दूसरी धुंधली आकाशगंगा देखी.
शोधकर्ता जब इस आकाशगंगा को देख रहे थे तो उन्हें दक्षिण पश्चिम क्षेत्र की ओर नीला सा उत्सर्जन दिखा. दरअसल यह उत्सर्जन आकाशगंगा के बड़े एवं अल्पकालिक तारों में से एक था.
शोधकर्ताओं को इसके बारे में अधिक खोज के बाद पता चला कि इसके पास ही एक धुंधली सी आकाशगंगा छिपी हुई है. यह आकाशगंगा बेहद ही फीकी है.
रात के आकाश की तुलना में भी यह लगभग 10 गुना अधिक धुंधली दिखाई देती है. इस वजह से ही इसका पता लगना बेहद मुश्किल था.
ऐसी धुंधली संरचनाओं को खोजने के लिए एडवांस्ड ऑप्टिकल टेलीस्कोप की जरूरत होती है. शोधकर्ताओं के अनुसार धुंधली आकाशगंगाए ब्रह्मांड के कुल द्रव्यमान का 15% हिस्सा होती हैं.
इस शोध से यह तात्पर्य हो सकता है कि अन्य कई धुंधली आकाशगंगाएं भी दूसरी उज्जवल एवं बड़ी आकाशगंगा के साथ बातचीत कर सकती है. इन्हें खोजे जाने की संभावना होती है.
इस शोध में भारत की ज्योति यादव, मौसमी दास, सुधांशु बारवे इनके साथ फ्रांस के फ्रैंकोइस कॉम्ब्स ने भाग लिया था. ऐसी ब्रह्मांडीय खोज करना अपने आप में बड़ी बात होती है.
अगर आप भी ऐसे शोध में दिलचस्पी लेते हैं तो आपको हमेशा खगोल विज्ञान एवं साइंस के बारे में अपडेट रहना चाहिए. इस स्टोरी को जरुर शेयर करें.
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