Knowledge

जानिए, होली क्यों जलाते है?

By Santosh Salve

March 5, 2022

Worth to Share

Website ssoftgroup.co.in

दोस्तों होली रंगों का और मस्ती भरा त्योहार है, यह तो सभी जानते हैं. लेकिन होलिका दहन क्यों किया जाता है? यह जानना भी जरूरी और महत्वपूर्ण है. तो आइए इसके बारे में कहानी जाने.

होलिका दहन का महत्व

रंगो के त्योहार होली से एक दिन पहले पूरे देश में होलिका दहन किया जाता है. इसके पीछे होलिका और प्रह्लाद की कहानी बताई जाती है.

भक्त प्रह्लाद की कहानी

कहा जाता है कि दानव राजा हिरण्यकश्यप जो भक्त प्रह्लाद के पिता थे वह विष्णु के विरोधी थे. वह खुद को ही ईश्वर मानते थे. मगर उनका बेटा प्रह्लाद विष्णु की भक्ति करता था.

ईश्वर विरोधी हिरण्यकश्यप

इसलिए हिरण्यकशिपु ने खुद अपने बेटे को मारने के कई प्रयास किए; मगर वह नाकाम रहा. इसके बाद उसने अपनी बहन होलिका को इसमें मदद करने के लिए कहा.

प्रह्लाद को मारने के प्रयास हुए विफल

हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को भगवान से वरदान मिला था कि उसे अग्नि से कोई भय नहीं होगा. अर्थात आग कभी उसे जला नहीं सकेगी. और इसी वजह से होलिका ने हिरण्यकश्यप की मदद करनी चाही.

होलिका की कहानी

एक दिन होलिका ने भक्त प्रह्लाद को अपने पास बुलाया और उसे बहला-फुसलाकर आग की चिता पर बैठ गई. जैसे ही अग्नि प्रज्वलित हो उठी, तो भक्त प्रल्हाद घबरा गए.

भक्त प्रह्लाद को लेकर होलिका आग में बैठ गई

मगर फिर भी भक्त प्रह्लाद ने भगवान श्री विष्णु के नाम का जाप करना नहीं छोड़ा. इसी वजह से वरदान प्राप्त होलिका खुद आग में जलकर भस्म हो गई.

भगवान विष्णु का जाप करते रहे प्रह्लाद

इसी याद में हर साल होलिका दहन मनाया जाता है. इसके बारे में और कहानियां बताई जाती है. आइए उनके बारे में भी जाने.

..इसीलिए होलिका दहन मनाया जाता है

भगवान शिव का तपस्या से ध्यान भटकाने के लिए कामदेव ने उन पर पुष्प बाण चलाया. इस वजह से शिव जी को बहुत गुस्सा आया. क्रोध में आकर उन्होंने तीसरी आंख खोल दी और कामदेव को भस्म कर दिया.

कामदेव की कहानी

इसके बाद शिव जी का गुस्सा जब शांत हुआ तो उन्होंने कामदेव को पुनर्जीवित होने का वरदान दिया था. कहा जाता है तब से होली मनाई जाने लगी.

कामदेव को मिला वरदान

इस बारे में एक और कहानी बताई जाती है. कहते हैं कि श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि श्री राम के पूर्वज रघु के शासन में एक असुर महिला थी जिसे वरदान था कि कोई उसे मार नहीं सकता.

महाभारत की कहानी

उस असुर महिला को गुरु वशिष्ठ ने कहा की अगर बच्चे लकड़ी के टुकड़ों को शहर के बाहरी इलाके में सूखी घास फूस के साथ जला दें एवं आग की परिक्रमा करते हुए नृत्य करें तो वह मर सकती है.

गुरु वशिष्ठ ने कहा..

और तब बच्चों ने ऐसा ही किया. इस वजह से इस उत्सव को बुराई पर मासूम दिलों के जीत के रूप में मनाया जाता है.

बुराई पर सच्चाई के जीत का प्रतीक

ssoftgroup.co.in

हमें आशा है कि आप भी इस जानकारी को अपने सभी रिश्तेदार एवं दोस्तों के साथ साझा करते हुए होलिका दहन का उत्सव पूरी सुरक्षा के साथ मनाएंगे.

ssoftgroup.co.in

Summary

Kharate Kaise Band Kare?

Next Web Story

To visit next Web Story,  Swipe Up the following button or Click on it 🙏 Thank You!

Phone