By Malvika Kashyap
April 8, 2022
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हिंदू धर्म में भगवान हनुमान जी की आराधना बड़ी ही फलदाई मानी गई है. हर कोई हनुमान जी का बड़े ही श्रद्धा भाव से पूजन करता है.
धर्म शास्त्रों में मान्यता है कि हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. एवं अपने सभी भक्तों के कष्ट दूर करते हैं. हर प्रकार के दुख निवारण करने के लिए सभी इनकी पूजा करते हैं.
हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान जी कलयुग में भी पृथ्वी पर मौजूद है. एवं अपने भक्तों को भय एवं दुखों से मुक्त करते हैं. इसीलिए वे संकट मोचन हनुमान जी के नाम से भी जाने जाते है.
ऐसे आराध्य भगवान बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए गोस्वामी तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा का भक्तों द्वारा नियमित पाठ किया जाता है.
भगवान हनुमान जी का सुमिरन करते हुए तुलसीदास लिखते हैं कि हमें बल एवं बुद्धि के साथ-साथ ज्ञान भी दीजिए. हमारे सभी दुख एवं दोष नष्ट कर दीजिए.
हनुमान जी की जय जयकार करते हुए तुलसीदास कहते हैं कि तीनों लोकों में आपकी कीर्ति गूंजती है. आपके समान कोई भी बलवान नहीं है.
हनुमान जी सुनहरे रंग के सुंदर वस्त्र एवं कानों में कुंडल पहनते हैं. उनके हाथ में ध्वजा एवं बज्र है. और कांधे पर मूंज का जनेऊ उनकी शोभा बढ़ता है.
हनुमान जी साक्षात भगवान शिव के अवतार हैं. उनके पराक्रम एवं यश को सारे संसार में वंदन किया जाता है. वे अत्यंत कार्य कुशल एवं गुणवान है.
सूक्ष्म से सूक्ष्म एवं बड़े से बड़ा रूप धारण करने में सक्षम हनुमान जी रामचरित सुनने में बहुत आनंद लेते हैं. उनके मन में राम, लखन एवं सीता बसे हैं.
उन्होंने ही संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को होश में लाया था. इससे प्रसन्न होकर प्रभु रामचंद्र ने उन्हें अपने गले से लगाया था. खुद श्रीराम ने उनकी प्रशंसा की थी.
ऐसे पवनसुत, हनुमान की पूजा करते हुए तुलसीदास उन्हें अपने ह्रदय में निवास करने के लिए बुलाना चाहते हैं. ताकि वे हमारे सभी कष्ट दूर करते हुए हमें मोक्ष दिला सके.
आइए आप और हम मिलकर भगवान श्री हनुमान जी की कीर्ति गाकर उनकी पूजा करें. ताकि हम भी भगवान श्रीराम के भक्त हनुमान जी की शरण में जा सकें.
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