By Malvika Kashyap
April 12, 2022
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भारतीय संविधान में धारा 370 अनुच्छेद के द्वारा जम्मू और कश्मीर को स्वायत्तता प्रदान की गई थी. इसके अनुसार वहां की संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार राष्ट्रपति के पास नहीं था.
इस धारा को संविधान में 17 अक्टूबर 1949 को जोड़ा गया था. इसके मुताबिक भारतीय संसद को जम्मू-कश्मीर के सिर्फ रक्षा, विदेश एवं संचार के लिए कानून बनाने के अधिकार थे.
धारा 370 को जम्मू और कश्मीर के राज्य से 5 अगस्त 2019 के दिन हटाया गया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ये दो नए केंद्र शासित प्रदेश तैयार किए गए.
धारा 370 हटाने के कारण यहां बिजनेस इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. साथ ही एजुकेशन एवं जॉब में भी बहुत बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही इंटरनेट, बिजली जैसी सुविधाएं 24 घंटे मिल सकेगी.
धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज भी भारत से अलग था. वहां के नागरिकों को दोहरी नागरिकता दी गई थी. अर्थात वहां के लोग भारत के साथ-साथ जम्मू कश्मीर के भी नागरिक थे.
जम्मू कश्मीर में अब भारत का ही संविधान लागू हो गया है. साथ ही यहां की लड़कियों को किसी दूसरे राज्य के लड़के से शादी करने पर उनकी नागरिकता खत्म नहीं होगी.
जम्मू कश्मीर सरकार का कार्यकाल 6 साल के बजाय 5 साल का होगा. अन्य राज्यों से वहां जाकर रहने वाले लोगों को मतदान एवं जमीन खरीदने का भी अधिकार मिलेगा.
धारा 370 के कारण कश्मीर में कोई पंचायत नहीं थी. साथ ही यहां RTI और CAG भी लागू नहीं होता था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी जम्मू-कश्मीर में माननीय नहीं होते थे.
धारा 370 को हटाने के बाद सरकार का दावा है कि अब यहां पर विकास की गति और ज्यादा तेज हो गई है. लोगों को हर तरह की सेवा एवं सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है.
हमें उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर के इस धारा 370 के फायदों को जानकर आपको भी इसके बारे में पूरी जानकारी हो गई होगी. इसे अपने सभी दोस्तों के साथ साझा करें.
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