North Atlantic Treaty Organisation (NATO) की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को अमेरिका के वॉशिंगटन में हुई थी. इसे 12 संस्थापक देशों द्वारा अंतर-सरकारी सैन्य संगठन के रूप में स्थापित किया गया था.
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में नाटो का मुख्यालय स्थित है. इस समय इसके सदस्य देशों की संख्या 30 इतनी है. कोई भी निर्णय सभी सदस्यों के सामूहिक इच्छा के आधार पर लिया जाता है.
जब किसी नाटो देश को क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक सुरक्षा या स्वतंत्रता के खतरे का आभास होता है, तो सदस्य देशों द्वारा इसे लागू किया जा सकता है. संयुक्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
नाटो के इस आर्टिकल के तहत कोई भी सदस्य राज्य अगर अपने देश की सुरक्षा या स्वतंत्रता को लेकर कोई खतरा महसूस करता है, तो नाटो के सदस्य देशों की बैठक बुला सकता है.
इस आर्टिकल को बहुत कम बार इस्तेमाल किया गया है. साथ ही नाटो की तरफ से विशेष स्थिति में दुनिया को मजबूत राजनीतिक संदेश देने की अवस्था में ही इसे लागू किया जा सकता है.
इसी तरह से अनुच्छेद 5 को भी लागू किया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि किसी सदस्य के खिलाफ सशस्त्र हमला मतलब पूरी नाटो संगठन के खिलाफ हमला माना जा सकता है.
सिद्धांत के अनुसार अनुच्छेद 4 एवं 5 को केवल नाटो सदस्य देशों द्वारा ही लागू किया जा सकता है. इसे 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद तुरंत लागू किया गया था.
नाटो के सदस्य देशों द्वारा किसी भी अनुच्छेद को लागू करने के लिए सामूहिक रूप से निर्णय को मान्यता मिलनी चाहिए. उनके सभी निर्णय सर्वसम्मति के अनुसार ही लिए जाते हैं.
हाल फिलहाल में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कुछ सदस्य देशों ने अनुच्छेद 4 को लागू कर दिया है. मगर नाटो की यह संधि केवल सदस्य देशों पर ही लागू होती है.
वर्तमान में यूक्रेन नाटो के गठबंधन का हिस्सा नहीं है. इसलिए यह देश किसी भी तरह से अनुच्छेद 4 या अनुच्छेद 5 को लागू नहीं करा सकता.
अब आपके मन में यह प्रश्न जरूर आ रहा होगा की क्या भारत नाटो का सदस्य देश है? तो हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि फिलहाल भारत नाटो का सदस्य नहीं है.
रशिया के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद नाटो सक्रिय हो गया है. नाटो ने रूस के इस हमले की कड़ी तरह से निंदा की है. पूरी दुनिया युद्ध के बजाय चर्चा से इस मुद्दे को सुलझाना चाहती हैं.