By Vaidehi Kamat
March 17, 2022
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ब्रेस्ट कैंसर यह कैंसर का प्रकार स्तन में होता है. आमतौर में यह महिलाओं में देखा जाता है; मगर दुर्लभ मामलों में यह पुरुषों को भी हो सकता है.
जब कई सारे छोटे मगर सख्त कण ब्रेस्ट की वाहिनीयों में जमने लगते हैं, तब ये टिश्यू में गांठ बना देते हैं. आम भाषा में इसे कैंसर कह सकते हैं.
ब्रेस्ट कैंसर के सटीक कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ संभावनाएं हो सकती है. इसमें उम्र के साथ-साथ कैंसर की संभावना बढ़ती देखी जा सकती है.
किसी रिश्तेदार को अगर ब्रेस्ट कैंसर है, तो व्यक्ति में भी कैंसर की संभावना बढ़ सकती है. पहले जिन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया गया था, उनमें फिर से इसकी संभावना हो सकती है.
अधिक वजन वाली महिलाओं में और मासिक धर्म में परिवर्तन आने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना देखी जा सकती है.
ब्रेस्ट के नीचे या बाहों के निचले भाग में गांठ होना, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव आ जाना, ब्रेस्ट से खून आना, ब्रेस्ट की त्वचा में ठोसपन ऐसे कई लक्षण ब्रेस्ट कैंसर में देखे जा सकते हैं.
आए दिन ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के कई सारे साधन है. इसमें रेडिएशन, सर्जरी, कीमोथेरेपी आदि की जा सकती है. फिर भी इस कैंसर का जल्द से जल्द पता लगे तो इसमें रिकवरी की संभावनाएं होती है.
महिलाएं अपने ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार से रंग, आकार, ऊंचाई में बदलाव, निशान या सूजन की जांच करते हुए खुद परीक्षण कर सकती हैं. इसमें वे अपने निजी महिला डॉक्टर की भी मदद ले सकती है.
साथ ही महिलाओं को अपने 40 वर्ष की आयु सीमा के बाद स्क्रीनिंग मैमोग्राम भी जरूर करवाना चाहिए. इसी के साथ वे अल्ट्रासाउंड या MRI भी करवा सकती है.
ब्रेस्ट कैंसर ना हो इसके लिए आपको स्वस्थ जीवन शैली अपनाते हुए वजन को बढ़ने नहीं देना है. नशीले पदार्थों का सेवन रोकते हुए हमेशा व्यायाम करने से भी फायदा होता है.
किसी भी तरह की टेस्ट्स करने या दवाई लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लेना बिल्कुल ना भूलें. याद रखें, ब्रेस्ट कैंसर को सही सावधानियों एवं परामर्श के द्वारा टाला जा सकता है.
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