By Ashish Kale
April 13, 2022
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मनुष्य के अंदर तैयार होने वाला वीर्य एक जैविक तरल पदार्थ होता है. इसमें शुक्राणु यानी स्पर्म होते हैं. ये स्पर्म ही प्रजनन के लिए आवश्यक होते हैं.
अगर इंसान 1 दिन में 700 से 800g खाना खाता है तो वह 40 दिन में लगभग 28 से 32kg भोजन करता है. और 40 दिनों में 20g स्पर्म के हिसाब से 1 दिन में लगभग 0.5g स्पर्म बनता है.
केवल विवाह न करने वाले को ब्रह्मचारी नहीं कहते. गृहस्थी में शांति, सदाचार, सात्विक भोजन के साथ साथ सरलता एवं दया भाव रखने वाला इंसान भी ब्रह्मचारी कहलाता है.
अगर आप 90 दिन तक वीर्य बचा पाते हैं तो कहा जाता है कि मन से नेगेटिविटी पूरी तरह से निकल जाती है. साथ ही अपने सभी कामों को आप सही ढंग से समय पर पूरा कर सकोगे.
वृषण सामान्य से ज्यादा गर्म रहना, शरीर का वजन बढ़ना, दवाओं का ज्यादा सेवन, यौन रोग, लंबे समय तक चलने वाले तनाव के कारण कई बार वीर्य कम बनता है या फिर निकलता नहीं.
अगर किसी में वीर्य की कमी हो जाए, तो इसमें शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो सकती है. इससे मनुष्य की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है.
अगर आप ज्यादा समय तक वीर्य अंदर ही रहते हैं तो आपके अंदर संयम एवं शक्ति का संचार हो सकता है. वीर्य को रोकना मतलब किसी कठिन साधना के समान ही अनुभव होता है.
यदि आप 90 दिन तक अपने वीर्य की रक्षा करते हैं तो आप में आत्मविश्वास बढ़ जाता है. साथ ही कई सारे रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ सकती है.
साथ ही बाल झड़ने से राहत, असमय पर सफेद होने से बचाव, साथ ही अपने मानसिक स्वास्थ्य पर काबू पाना, अनिद्रा से राहत जैसे कई फायदे वीर्य को बचाने से हो सकते हैं.
माना जाता है कि वीर्य में एंटी एजिंग गुण होते हैं. इससे इंसान की कोशिकाओं में स्फूर्ति एवं लचीलापन आता है. इससे हमारे चेहरे पर एक नई चमक दिखाई देती है.
90 दिन तक वीर्य बचाने के सभी फायदे केवल जानकारी के लिए ही बताए गए हैं. इस बारे में अधिक जानकारी एवं समस्याओं के समाधान प्राप्त करने हेतु अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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