धैर्य क्यों जरुरी है अधीरता के युग में?

धैर्य मतलब क्या?

धैर्य मतलब कठिन परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता है. जैसे देरी का सामना करना, झुंझलाहट / क्रोध में प्रतिक्रिया के बिना खुदको संभालना, उत्तेजना की सहनशीलता, या जब तनाव होता है, खासकर जब लंबे समय तक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

भारत एक बडा देश है जिसकी परंपरा की चर्चा विश्व में बडी आस्था से होती है. जो एक विकसनशील देशो में गिना जाता है. जो शिक्षा, क्रिडा, विज्ञान, कला, साहित्य, राजकीय, संस्कृती से परिपुर्ण है.

दुनिया में एकमात्र देश जो सबसे बडी लोकशाही के लिए प्रसिद्ध है. भारत का भविष्य उज्ज्वल तथा गौरव करने के लायक बना है. और आगे भी बना रहेगा. लेकिन यह उज्ज्वल भविष्य, और गौरव करना एक प्रमुख बात पर निर्भर करता है. वह है धैर्य.

धैर्य कब रखना होता है?

स्त्री हो या पुरुष, लडका हो या लड़की, सभी के लिए धैर्य एक महत्वपूर्ण भुमिका अदा करता है. तो चलिए बेहतर तरिके से जान लेते है..

मनुष्य एक समाज का महत्वपूर्ण अंग है जिसकी अपनी जगह पर एक पर्याप्त भूमिका होती है. इसके चलते वह मनुष्य हो या स्त्री, लडका हो या लडकी इन सभी को धैर्य रखना आवश्यक होता है.

जब आप किसी काम में संदिग्धता में हो, या आपको निर्णय लेने में परेशानी हो. ऐसी स्थिती में धैर्य आवश्यक होता है. आप किसी के साथ महत्वपूर्ण विषयोंपर वार्तालाप या चर्चा कर रहे हो, उस चर्चा के अनुसार विपक्षी सदस्यों को जबाव देना है, तब संयम आवश्यक होता है. आप किसी भी प्रकार से अपनी जगह सही है, और वह आपको सिध्द करना है. तब आपको धैर्य रखना आवश्यक होता है.

क्यों जरूरी है?

आपसी मतभेद, झगड़ा, परेशानी, गैरबर्ताव इन सभी का जवाब आप धैर्य की भूमिका से दे सकते है. इस लिए संयम आवश्यक होता है. संयम रखने से आप चिंतामुक्त एवं हर्षो-उल्हासीत रहने के लिए तैयार होते है. इससे आप पर भय हावी नहीं होता. आप तणाव से मुक्त रहते है. संयम रखने से आप हमेशा आपको उत्साहपूर्ण महसूस करते है. एवं आनंददायी और शांत भी. मानसिक स्थिती से आप खुद को कभी कमजोर महसूस नहीं करेंगे. 

Patience is bitter, but its fruit is sweet
Patience is bitter, but its fruit is sweet

लडका हो या लडकी एक सही उम्र के दौरान दोनो को धैर्य रखना बहोत आवश्यक होता है. इसी धैर्य की भूमिका से लडका या लडकी अपना निजी जिवन आसानी से बिता सकते है.

दो चीजों में फर्क करना हो, खुद को सही साबित करना हो. या कोई परिक्षा देना हो, या किसी की परिक्षा लेनी हो. तब संयम रखना आवश्यक होता है. किसी भी क्षेत्र में आपको सफल होना हो, या फिर कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेना हो, तब आपको संयम रखना आवश्यक होता है. 

आसान है..

रोज की वही जिंदगी से आप परेशान हो और आपको उस में बदलाव जरुरी हो तब आपको धैर्य रखना आवश्यक होता है. कोई भी व्यक्ती अपनी जगह सही हो सकता है बावजूद इसके की सामने वाली व्यक्ति आपको गलत समझ रही हो. उस वक्त आप के पास संयम होना आवश्यक होता है.

जिंदगी में कई उतार चढाव आयेंगे वह आने भी चाहिए तभी आप बेहतर तरिके से जान सकते है कि आप के लिए क्या बेहतर है. इस लिए धैर्य रखना आवश्यक होता है. संयम रखने से आप आपके सभी कार्य आसानी से एवं सरल तरिके से कर सकते है. 
धैर्य रखने से आप विपरीत परिस्थिती को नियंत्रण में ला सकते है. इसके अलावा आपसी संबंध आप अधिक दृढता के साथ निभा सकते है. 

हर एक मनुष्य और हर एक स्त्री के लिए धैर्य रखना जरुरी होता है. धैर्य आपके जीवनशैली का एक अभिन्न और महत्वपुर्ण अंग है. ध्यान रहे और संयम को समय समय पर बढावा दे. धैर्य रखने से आप हर एक चीज पर विजय पाते है. जरुरी है आप की इच्छा एवं अमल करने की. 

उम्र में बड़े लोग या सफल होने वाले लोग अपने कार्य में जो सिध्दियां हासिल करते है, वह संयम रखने से उन्हे प्राप्त होती है. माता-पिता एवं परिवारजनों के सदस्य आपको अगर डांट रहे है. तो आपको संयम रखने की आवश्यकता होती है. धैर्य रखे ताकी जीवनशैली में आप बदलाव कर सके.

© योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया