By Santosh Salve
April 6, 2022
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हमारी इम्यून सिस्टम प्राकृतिक रूप से तो बाहरी कीटाणुओं से शरीर की रक्षा करती ही है. लेकिन कभी-कभी प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी मजबूत नहीं होती कि वह रोग के कीटाणुओं को खत्म कर सकें.
ऐसे में हमारे इम्यून सिस्टम को उन कीटाणुओं से लड़ने की ताकत वैक्सीन से मिलती है. वैक्सीन उस संक्रमण का नमूना तैयार करके इम्यून सिस्टम को लड़ने में मदद करती है.
इस तरह कीटाणुओं की स्मृति बनाते हुए वायरस, जीवाणु या अन्य रोगाणुओं से सामना करने के लिए इम्यून सिस्टम को तैयार करता है. आमतौर पर इससे व्यक्ति बीमार नहीं पड़ता.
कोरोना महामारी से बचने के लिए इसी तरह की वैक्सीन दुनिया भर में विकसित की जा चुकी हैं. इस वैक्सीन की मदद से हमारे शरीर में एंटीबॉडीज बनते है.
शरीर का इम्यून सिस्टम बाहरी कीटाणुओं को याद रखता है. जब कीटाणु वापस शरीर पर हमला करते हैं तो एंटीबॉडीज हमारे बीमार होने से पहले उसे खत्म करते है.
कई वैक्सीन में विशेष रोग के जीवाणु या वायरस होते हैं. कुछ वैक्सीन में रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं का विष होता है. तीसरे प्रकार की वैक्सीन में खुद जीवित कीटाणु होते हैं.
वैक्सीन में मौजूद ये सभी तरह के वायरस शरीर की इम्यून सिस्टम की तरफ से, बाहर से आने वाले विषाणुओं को नष्ट कर देते हैं. इससे विषाणु शरीर पर असर नहीं कर सकता.
आज कई रोगों पर वैक्सीन उपलब्ध है, जो उन बीमारियों से हमारा बचाव करती है. कई वैक्सीन उम्रभर उस बीमारी से रक्षा करती है, तो कई टीकों को निश्चित समय के बाद फिर से लगवाना होता है.
कई वैक्सीन लगवाने पर शरीर का तंत्र तुरंत नए मेहमान का स्वागत नहीं करता. इसलिए शरीर में उथल-पुथल होने की वजह से हमें बुखार या दर्द जैसी दिक्कतें आ सकती है.
आशा है अब आपको शरीर में वैक्सीन किस तरह काम करती है, यह पता चल गया होगा. अगर आपको यह स्टोरी पसंद आई है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें.
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