By Malvika Kashyap
April 8, 2022
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खाना खाने के बाद कई घरों में तथा होटल में सौंफ का उपयोग किया जाता है. सौंफ का उपयोग माउथ फ्रेशनर के साथ-साथ रसोई में मसाले के रूप में भी किया जाता है.
आयुर्वेद के अनुसार सौंफ वात और पित्त दोनों को शांत करता है. साथ ही इसका सेवन करने से हमारी भूख बढ़ती है एवं भोजन भी पचता है.
सौंफ की जड़ का चूर्ण खाने से कब्ज में बहुत फायदा होता है. इसके बीज का काढ़ा बनाकर इसे भोजन के प्रत्येक ग्रास के साथ छोटे बच्चों को खिलाएं.
पीसी हुई सौंफ को पानी के साथ ललाट पर लगाने से सिरदर्द में बहुत फायदा होगा. सौंफ के पत्ते का रस रुई के साथ आंखों पर लगाने से जलन और दर्द से छुटकारा मिलता है.
सौंफ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. यह हमारे शरीर का वजन कम करने में सहायक होता है. साथ ही यह अतिरिक्त वसा को बनने से भी रोकता है.
सौंफ के उपयोग से सांसो में ताजगी आती है. साथ ही सौंफ के सेवन से हमारे मुंह में लार अधिक मात्रा में बनती है. इससे मुंह के बैक्टीरिया दूर हो सकते हैं.
सौंफ में मौजूद फाइबर की मदद से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में फायदा मिलता है. इससे दिल की बीमारियों से भी हमारा बचाव हो सकता है.
आमतौर पर सर्दी से छोटे बच्चों में कफ की समस्या हो जाती है. ऐसे में किचन में रखी सौंफ के एंटीबैक्टीरियल गुण कफ की समस्या से राहत दिलाते हैं.
सौंफ में मौजूद विटामिन ए और सी हमारे मस्तिष्क की समस्याओं को कम कर सकता है. साथ ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हुए मस्तिष्क को ताकत दिलाता है.
अगर आप हकलाने की बीमारी से परेशान है तो 15 से 30ml सौंफ का काढ़ा तैयार करें. इसमें मिश्री और गाय का दूध मिलाकर पिए. हकलाने की परेशानी कम होगी.
सौंफ के बताए गए सभी फायदे केवल जानकारी के तौर पर ही लें. इसका सेवन करने से पहले अपने फैमिली डॉक्टर या फिर चिकित्सक की सलाह जरूर लें.
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