By Malvika Kashyap
May 20, 2022
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कई लोगों के शरीर के अलग-अलग हिस्सों की त्वचा पर सफेद दाग आते हैं. इन दागों को ल्यूकोडर्मा या विटिलिगो कहा जाता है.
हमारी त्वचा का रंग बनाने कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स के नाम से जाना जाता है. इस विकार में ये कोशिकाएं नष्ट हो जाती है.
कई बार कुछ जगहों पर त्वचा का रंग फीका पड़ जाता है. सामान्यत: इसमें सूरज की किरणों के संपर्क आने वाली त्वचा पर असर दिखता है.
इसमें समय से पहले दाढ़ी, भौंहे, पलके, सिर के बाल आदि का रंग सफेद पड़ सकता है. इसमें हाथ, पैर, चेहरा, होठों को भी का भी रंग फीका पड़ता है.
सफेद दागों में मुंह के अंदर एवं नाक की परत या टिश्यू का भी रंग उड़ सकता है. कई बार रेटिना की अंदरूनी परत का भी रंग हल्का हो जाता है.
कई बार सफेद दागों का यह रोग कितना बढ़ेगा इसे बताया नहीं जा सकता. साथ ही कुछ लोगों में बिना उपचार के ही नए दाग बनना अपने आप बंद होते हैं.
आमतौर पर शरीर पर ये सफेद दाग बढ़ते ही जाते हैं. साथ ही शरीर के लगभग पूरे हिस्से पर ये सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं.
बहुत कम लोगों में त्वचा पर आए हुए इन सफेद दागों का घटना देखा जा सकता है. ऐसे में बहुत कम लोग अपनी त्वचा का रंग वापस ला पाते हैं.
सफेद दागों के बताए गए प्रारंभिक लक्षणों को केवल जानकारी के तौर पर देखें. अधिक जानकारी एवं उपचार के लिए त्वचा रोग तज्ञ या डॉक्टर से परामर्श ले.
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