By Malvika Kashyap
April 8, 2022
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राशन कार्ड एक बहुत ही महत्वपूर्ण एवं आधिकारिक दस्तावेज होता है. भारत में इसे राज्य सरकारों द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत सब्सिडी खाद्यान्न खरीदने के लिए वितरित किया जाता है.
खाद्यान्न खरीदने के अलावा इस कार्ड को कई जगह पर सामान्य पहचान के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है. व्यक्ति के सालाना आय के आधार पर राशन कार्ड तैयार होते हैं.
आम तौर पर तीन प्रकार के राशन कार्ड होते हैं. गरीबी रेखा से ऊपर यानी APL राशन कार्ड, गरीबी रेखा से नीचे यानी BPL राशन कार्ड, अंत्योदय राशन कार्ड.
जिनकी सालाना आय, तय की हुई गरीबी रेखा से ऊपर होती है उन्हें यह कार्ड दिया जाता है. इस कार्ड पर अलग अलग राज्य सरकारें अलग अलग दाम पर राशन दे सकती है.
जिन लोगों की सालाना आय गरीबी रेखा से नीचे होती है, उन्हें यह कार्ड मिलता है. इस कार्ड पर प्रति सदस्य के हिसाब से राशन मिल सकता है.
आर्थिक रूप से बहुत ज्यादा कमजोर लोगों के लिए यह कार्ड दिया जाता है. इनमें बेहद कम कमाई वाले वरिष्ठ लोग, अकेले बुजुर्ग या फिर विकलांग लोग शामिल है.
अंत्योदय राशन कार्ड पर लगभग ₹2 प्रति किलो के भाव से 25 किलो गेहू एवं ₹3 प्रति किलो के भाव से 10 किलो चावल हर महीने दिया जा सकता है.
इसके अलावा कुछ राज्यों में नीला राशन कार्ड मिल सकता है. यह गरीबी रेखा से ऊपर की श्रेणी में आने वाले लोगों को दिया जा सकता है.
सफेद राशन कार्ड उन लोगों को मिल सकता है, जिनकी वार्षिक आय लगभग एक लाख से ऊपर होती है. इन्हें भोजन या गैस पर कोई भी सब्सिडी उपलब्ध नहीं होती.
राशन कार्ड पाने के लिए आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने राज्य सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर जा सकते हैं.
इसके बाद पोर्टल पर बताए गए निर्देशों के अनुसार एप्लीकेशन फॉर्म भरते हुए आप आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ आपको आवश्यक दस्तावेज भी जोड़ने होंगे.
अब आपको पता चल गया होगा कि अलग-अलग राज्य सरकार के द्वारा अलग-अलग नियम अनुसार राशन कार्ड दिए जाते हैं. इस जानकारी को दोस्तों एवं परिवार के साथ जरूर शेयर करें.
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