1 नीमराना किला राजस्थान के सांस्कृतिक इतिहास का प्रतीक के रूप में जाना जाता है. यह किला भारत के राजस्थान राज्य के अलवर जिले में शान से खड़ा है.

2 इस किले का निर्माण ईसवी सन 1464 में राजपूत चौहान राजघराने के वंशजों ने किया था. राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला में तैयार किया हुआ यह किलाप्रदेश 'राठ' नाम से पहचाना जाता है.

3 कहा जाता है कि उस समय इस प्रदेश में निमोला नाम का एक राजा राज्य करता था. उसी की अंतिम इच्छा के तहत इस किले का नाम 'नीमराना' ऐसा रखा गया. 

4 महाराज पृथ्वीराज चौहान का 1192 में मोहम्मद गोरी के साथ तराइन का दूसरा युद्ध हुआ. महाराज पृथ्वीराज चौहान के पश्चात भी कई सालों बाद तक यह किला उनके वंशजों की राजधानी रहा.

5 1986 में इस किले का जीर्णोद्धार किया गया तथा 1991 में इसे आम जनता के लिए खुला किया गया. किले को अब तक के मिले विभिन्न पुरस्कारों में 2004 का आगा खान पुरस्कार भी शामिल है.

6 साथ ही 1986 में इस किले को हेरिटेज रिसॉर्ट में रूपांतरित किया गया है. किले के आसपास का प्रदेश हरियाली से भरा और आंखों को ताजगी देने वाला है.

7 इस किले के होटल में इतिहास का दर्शन कराती हुई, रहने लायक शाही रूम्स और कॉन्फ्रेंस हॉल भी तैयार किए गए हैं. साथ ही विवाह करने योग्य स्थान के रूप में भी लोग इस स्थान का चयन करते हैं.

8 किला परिसर में जिप लाइन के द्वारा हवा में तैरने का रोमांचकारी अनुभव भी आप ले सकते हैं. 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आप अरावली पर्वत श्रृंखला की हवाओं में तैरने का मजा ले सकते हैं.

9 राजस्थान के सांस्कृतिक इतिहास को दर्शाने वाला यह किला जयपुर-दिल्ली महामार्ग पर स्थित है. दिल्ली से यह किला लगभग 90 किमी की दूरी पर है.

10 दिल्ली से इतनी कम दूरी पर होने के कारण ही कई लोग वीकेंड पर इस किले पर आने का प्लान बनाते हैं. साथ ही यहां पर विदेशों से भी कई सारे पर्यटक घूमने आते हैं.

11 अलवर जिले में ही नीमराना से लगभग 70 किमी दूरी पर स्थित तिजारा फोर्ट पैलेस भी ऐसा ही प्रसिद्ध किला है. आप इसे भी देखकर इतिहास का साक्षी जरूर हो सकते हैं.

12 इसी के साथ यहां पर दूसरा एक और किला भी प्रसिद्ध है, जो हिल फोर्ट केसरोली के नाम से जाना जाता है. यह किला भी राजस्थान के प्राचीन कला का बेहतरीन नमूना है. आप यहां भी जरूर भेंट दे सकते हैं.