By Malvika Kashyap
May 27, 2022
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मैदा कई रसोईयों का अभिन्न अंग होता है. इसे कचोरी, समोसे से लेकर पिज़्ज़ा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कई लोग मैदा कैसे बनता है, यह जानते नहीं.
रसोइयों का अभिन्न अंग
दरअसल मैदा गेहूं से ही बनता है. लेकिन इसे बनाने में गेहूं का सिर्फ सफेद हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है. इसे Endosperm कहा जाता है.
गेहूं से ही बनता है मैदा
गेहूं के आटे को प्रोसेस एवं ब्लीच करते हुए मैदा बनाया जाता है. लेकिन इस प्रोसेस में गेहूं का जरूरी होने वाला फाइबर भी निकल जाता है.
प्रोसेसिंग एवं ब्लीचिंग
सबसे पहले गेहूं की अच्छी तरह सफाई की जाती है. इसमें से गंदगी, धूल, पत्थर निकाल दिए जाते हैं. गेहूं साफ करने के लिए बहुत ज्यादा समय लगता है.
गेहूं की सफाई
इसके बाद गेहूं से भूसी हटाई जाती है. इसमें सिर्फ गेहूं के दाने ही इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके बाद गेहूं का दो बार हाई प्रेशर रोलर से ग्राइंड किया जाता है.
गेहूं को ग्राइंड किया जाता है
इसके बाद इसकी रिफायनिंग की जाती है. इसमें केमिकल प्रोसेसिंग एवं ब्लीचिंग शामिल होती है. इसका रंग गेहूं के आटे से अलग होता है.
रिफायनिंग प्रोसेस
इसके बाद इस पर कई तरह की फिल्टर प्रोसेसिंग की जाती है. इसमें सभी छोटे छोटे पार्टिकल्स निकाल दिए जाते हैं. इसके बाद ही इसकी पैकेजिंग की जाती है.
फिल्टर प्रोसेसिंग
बता दें कि गेहूं से मैदा बनाने की प्रोसेस में गेहूं के सारे अच्छे गुण निकल जाते हैं. यह एक स्टार्च की तरह बन जाता है. इसीलिए इसे खाने से परेशानी हो सकती है.
स्टार्च की तरह बनता है मैदा
अब आप जान गए होंगे कि मैदा किस प्रकार बनाया जाता है. जानकारों के अनुसार मैदा सिर्फ स्वाद का साथी होता है. आहार में इसका ज्यादा प्रयोग नुकसानदेह हो सकता है.
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