By Malvika Kashyap
March 19, 2022
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हमारे शरीर में कई जगहों पर वसायुक्त गांठ होती है जो धीरे-धीरे बढ़ती रहती है, इसे लिपोमा कहते हैं. लिपोमा कोई कैंसर नहीं होता और ना ही शरीर को इससे कोई नुकसान होता है.
शरीर के किसी अंग पर फूली हुई गांठ आप हाथ से महसूस कर सकते हैं. उंगली से इसे दबाने पर आपको त्वचा के नीचे नरम गांठ की तरह यह महसूस हो सकती है.
आमतौर पर इसके लिए किसी उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती. मगर आप इससे परेशान हैं या आपको बहुत दर्द हो रहा है तो आप इसे हटा भी सकते हैं.
हमारा शरीर कई प्रकार के ऊतकों से बना होता है. शरीर में पाए जाने वाला वसा भी एक प्रकार का ऊतक होता है. शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ यह आंतरिक अंगों को गर्म भी रखता है.
लिपोमा किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकता है. बच्चों में यह कम दिखाई देता है. कई बार त्वचा के नीचे नसों तक जब यह गांठ जाती है तो दर्द दे सकती है.
कई बार लिपोमा होने का अनुवांशिकता भी कारण होता है. अक्सर लिपोमा 40 से 60 वर्ष की उम्र में देखा जाता है.
लिपोमा के अलग-अलग प्रकार होते हैं. इसमें इंट्रामस्कुलर लिपोमा मांसपेशियों के अंदर विकसित होता है. इसे निकालना थोड़ा कठिन हो सकता है.
एंजियोलिपोमा में छोटी रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के हो सकते हैं. इसके लक्षण ट्यूमर के क्षेत्र में दर्द पैदा कर सकते हैं.
यह आमतौर पर पीठ और गर्दन के ऊपरी हिस्से में हो सकता हैं. हालांकि यह ज्या दा दर्द देने वाला नहीं होता है.
डॉक्टर की सलाह लें देखा जाए तो लिपोमा कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है. मगर फिर भी आपको इससे ज्यादा समस्या हो, तो डॉक्टर सर्जरी के जरिए इसे निकाल सकते हैं.
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