By Ashish Kale
April 4, 2022
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शिक्षा एवं सुरक्षा को लेकर हमारे देश में स्त्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है. आज भी कई लिंग भेद एवं स्त्री भ्रूण हत्या जैसे मामले सामने आते हैं.
महिलाओं को अपना शारीरिक एवं बौद्धिक विकास करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों की तरफ से कई सारी योजनाएं शुरू की गई है. आइए इन्हीं में से कुछ योजनाओं के बारे में जाने.
यह योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान अंतर्गत शुरू की गई है. इस योजना के तहत लड़कियों की शिक्षा एवं शादी के खर्च के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है.
इस योजना के लड़कियों की शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, उनकी शादी की उम्र को बढ़ाना एवं समाज में उनके प्रति नकारात्मक भाव को नष्ट करना यही उद्देश्य है.
सरकार की केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जरिए चलाई जाने वाली छात्रवृत्ति योजना है. इसमें लड़कियों को प्रतिमाह ₹500 की छात्रवृत्ति देकर उनका आर्थिक बोझ कम करना उद्देश्य है.
राजस्थान सरकार द्वारा 1 जून 2016 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य बेटियों की मृत्यु दर रोककर उन्हें शिक्षित एवं सशक्त बनाना है. साथ ही उन्हें समय पर आर्थिक मदद मिलती है.
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 2007 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य लिंगानुपात के सुधार एवं बालिकाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2017 में शुरू की गई इस योजना के तहत एक लड़की हो तो ₹50,000 एवं दो लड़कियां हो तो दोनों के नाम ₹50,000 की मदद आधी आधी बांटकर दी जा सकती है.
उत्तराखंड सरकार द्वारा भ्रूण हत्या, बाल विवाह तथा लिंगभेद दूर करने जैसे उद्देश्यों के लिए यह योजना शुरू की गई है. इसमें लड़की के नाम ₹5000 की FD दी जा सकती है.
बिहार सरकार द्वारा भ्रूण हत्या पर रोक, लिंग भेद खत्म करने एवं जन्म के पंजीकरण बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई है. एक परिवार में दो लड़कियों तक यह योजना सीमित है.
अगर आपके घर भी लाडली बेटी ने जन्म लिया है तो आप भी इन योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. बेटियों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाने से ही हमारा समाज उज्जवल भविष्य पा सकता है.
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