By Malvika Kashyap
May 8 2022
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ज्योतिष शास्त्र अनुसार किसी इंसान की कुंडली में जब सारे ग्रह, राहु और केतु के बीच में आते हैं तब इसे कालसर्प दोष कहते हैं. इसे बहुत ही अशुभ माना जाता है.
शास्त्रानुसार किसी व्यक्ति के जीवन में कालसर्प दोष लगभग 49 सालों तक रह सकता है. कभी कबार यह पूरे जीवन तक भी रह सकता है.
कालसर्प दोष दूर करने के लिए गणपति की आराधना बहुत फलदाई मानी जाती है. गणपति एवं देवी सरस्वती मिलकर राहु एवं केतु से हमें बचाते हैं.
नागपंचमी, महाशिवरात्रि एवं ग्रहण के दिन शिव मंदिर में जाकर चांदी या तांबे से बना नाग नागिन का जोड़ा अर्पित करना चाहिए. इससे भी लाभ मिल सकता है.
रोजाना रुद्राक्ष की माला के साथ महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जप करने से भी बहुत फायदा मिलता है. इसी के साथ दशांश हवन भी कर सकते हैं.
कालसर्प दोष दूर करने के लिए आप प्राण प्रतिष्ठित एवं अभिमंत्रित अंगूठी धारण कर सकते हैं. साथ ही बुधवार को राहु की सामग्री का दान भी जरूर करें.
कालसर्प दोष से बचने के लिए पत्थर से बनी नाग की प्रतिमा लेकर पास के शिवालय में प्राण प्रतिष्ठा करें. इससे भी कुंडली के दोष दूर हो जाएंगे.
हर बुधवार काले कपड़े में मूंग या उड़द की दाल लेकर राहु का मंत्र जपे एवं जरूरतमंद को इसे दान दे या फिर इसे पानी में छोड़ दे. 72 बुधवार तक इसे दोहराए.
कालसर्प दोष दूर करने के लिए बताई गई जानकारी लोगों की मान्यताओं पर आधारित है. इसका किसी भी तरह से कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है.
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