By Malvika Kashyap
June 15, 2022
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बार-बार नहीं आनी चाहिए हिचकी अगर हिचकी कभी कबार आए तो परेशानी की बात नहीं होती. लेकिन अगर यह बार-बार आ रही है, तो यह बीमारियों का संकेत हो सकता है.
हिचकी कहां से आती है? दरअसल हमारे फेफड़े एवं पेट के बीच डायाफ्राम में गुंबद के आकार की मसल्स होती है. यहीं से हिचकी आना शुरू हो सकता है.
डायाफ्राम की स्थिति जब हम सांस लेते हैं तब डायाफ्राम नीचे की तरफ खींच लिया जाता है. सांस बाहर छोड़ते ही डायाफ्राम आराम की स्थिति में आता है.
गले में हवा रुक जाती है लेकिन कई बार डायाफ्राम में कोई दिक्कत महसूस होने पर इसमें ऐठन हो सकती है. इस वजह से हवा अचानक गले में ही रुक जाती है.
चाहने वाला याद करता है? गले के वोकल कॉर्ड में हवा अचानक रुकने से 'हिच' जैसी आवाज निकलती है. एकाद बार आने वाली हिचकी को, कई लोग अपने चाहने वाले की याद से जोड़ते हैं.
हिचकी आने के कारण हिचकी आने के शारीरिक और मानसिक दोनों कारण हो सकते हैं. बहुत ज्यादा या जल्दी खाना खाने के कारण भी हिचकियां आ सकती है.
ज्यादा नर्वसनेस या उत्साह कई बार ज्यादा नर्वसनेस या उत्साह के कारण साथ ही अधिक शराब पीने के कारण भी हिचकी आ सकती है. तापमान में अचानक बदलाव या चिंगम चबाते हुए भी हिचकी आती है.
डायाफ्राम की नसों को नुकसान कई बार ज्यादा हिचकी आने से डायाफ्राम से जुड़ी नसों को नुकसान हो सकता है. इसमें कान की समस्या से लेकर गले की खराश तक हो सकती है.
ज्यादा हिचकी अच्छी नहीं कई लोग मानते हैं कि सांस को थोड़ी देर तक रोकने से हिचकी में फायदा हो सकता है. लेकिन 2 दिनों से ज्यादा हिचकी का कारण खाने पीने, सोने और सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है.
हिचकी रोकने के उपाय हिचकी आने पर आप शहद या चीनी को खा सकते हैं. साथ ही नींबू पर चीनी छिड़ककर भी उसे खाने से हिचकी से राहत मिल सकती है.
हिचकी के बारे में बताई गई सलाह एवं उपाय केवल जानकारी के तौर पर ही ले. किसी भी समस्या के लिए अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
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