By Santosh Salve
March 16, 2022
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हाल ही में आर्कियोलॉजिस्ट एवं वैज्ञानिक गीज़ा के महान पिरामिड को कॉस्मिक रे अर्थात ब्रह्मांडीय किरणों से स्कैन करने की योजना बना रहे हैं.
वैज्ञानिक इस ग्रेट पिरामिड में पहले से कहीं अधिक गहराई तक देखकर इस के आंतरिक संरचना का नक्शा बनाना चाहते हैं. इस प्रयास को एक्सप्लोर द ग्रेट पिरामिड (EGP) मिशन कहा जाता है.
गीजा के महान पिरामिड लगभग 26 वी शताब्दी ईसा पूर्व से मिस्र में खड़े हैं. यह फराओ कुफू का मकबरा है, जिसे चेप्स के नाम से भी जाना जाता है.
पिरामिड के निर्माण में लगभग 27 साल लगे थे. इसे करीब 2.3 मिलियन पत्थरों के साथ बनाया गया था. यह पत्थर ग्रेनाइट एवं चूना पत्थर का संयोजन करते हुए बनाए गए थे. तकरीबन 6 मिलियन टन इनका वजन था.
लगभग 3800 से अधिक वर्षों तक यह संरचना दुनिया की सबसे ऊंची मानवीय संरचना के रूप में जानी जाती थी. ये पिरामिड दुनिया के सात अजूबे में से एक माने जाते हैं.
मिस्र के इन महान पिरामिडों को इजराइल के बड़े पहाड़ों से भी देखा जा सकता है. और माना जाता है कि चांद से भी इन्हें देखा जा सकता है.
ग्रेट पिरामिड के पत्थरों को कुछ इस तरह रखकर तैयार किया गया है कि इसके अंदर पृथ्वी के औसत तापमान से लगभग 20 डिग्री सेल्सियस के बराबर तापमान रहता है.
गीजा के ग्रेट पिरामिड में एक असली दरवाजे के साथ कुछ नकली दरवाजे भी बनाए गए थे. लगभग 18000 किलो वजन के इन गजब दरवाजों को मात्र एक धक्के से ही खोला जा सकता है.
उत्तर दिशा बताने वाले ये ग्रेट पिरामिड हमारे धरती की सबसे सटीक संरचना है. इस ग्रेट पिरामिड के सामने sphinx की बड़ी मूर्ति है. माना जाता है कि यह Khafra राजा का चेहरा है.
दोस्तों अगर आपको भी मौका मिले तो दुनिया की इस महान एवं प्राचीन कलाकृति को देखने के लिए कम से कम एक बार मिस्र देश (इजिप्ट) जरूर जाइयेगा.
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