By Malvika Kashyap
March 22, 2022
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कई बार सुबह जब हम बेड से उतर कर नीचे पैर रखते हैं तब अचानक हमारे पैरों में या एड़ी में दर्द होने लगता है. आज के दौर में यह जैसे आम बात हो गई है.
आयुर्वेद में एड़ी के दर्द को वातकंटक कहा जाता है. हमारे शरीर में जब वायु और पित्त बढ़ जाता है तब एड़ियों में दर्द की समस्या हो सकती है.
कई लोगों को एड़ी के निचले हिस्से में दर्द की समस्या बहुत ज्यादा होती है. साथ ही एड़ी में जलन का एहसास पित्त बढ़ने से हो सकता है.
अक्सर एड़ी के दर्द को लोग एक आम दर्द समझते हुए नजरअंदाज करते हैं. मगर जब दर्द कम होने के बजाय बढ़ता ही जाता है, तब यह बड़ा हानिकारक हो सकता है.
एड़ी में होने वाले दर्द के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं. इसमें शरीर का पाचन, गठिया या स्नायु तंत्र में संक्रमण की समस्या भी शामिल हो सकती है.
कई बार युवाओं में यूरिक एसिड के बढ़ने से भी एड़ी में दर्द बढ़ सकता है. कई युवा प्रोटीन डायट का सेवन ज्यादा करते हैं, इस कारण भी उनके शरीर में यूरिक एसिड बढ़ सकता है.
जब लिवर हमारे शरीर में बढ़ा हुआ प्रोटीन पचा नहीं पाता, तब एड़ियों में दर्द बढ़ सकता है. आवश्यकता से ज्यादा खाया हुआ शरीर को नुकसान ही पहुंचाता है.
इसी के साथ कम सब्जियां एवं अधिक दाल खाने से भी एड़ियों में दर्द हो सकता है. क्योंकि दाल में भी प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है.
कई बार लोगों के शरीर में प्रोटीन पचाने को लेकर दिक्कत होती है. इससे लीवर में भी कई दिक्कतें पैदा हो सकती है. साथ ही शरीर में पेशाब भी नहीं बन पाती है.
कई बार व्यक्ति ओवरईटिंग कर लेता है, तो कभी व्यक्ति को भूखी नहीं लगती. ऐसे में उसे यह पता नहीं होता कि वह कितना खाना खा चुका है. इससे भी आंत की अवशोषण शक्ति कम हो सकती है.
अपने डायट पर गौर एवं पाचन तंत्र को समझते हुए ही आप एड़ियों के दर्द का समाधान कर सकते हैं. इसी के साथ आपको अपना हार्मोनल बैलेंस भी बनाए रखना चाहिए.
सही डायट, अच्छी नींद एवं योगा के साथ ही आप अपने डॉक्टर की दी हुई ट्रीटमेंट से एड़ियों के दर्द से जरूर छुटकारा पा सकेंगे. अच्छी जीवनशैली ही सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है.
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