By Malvika Kashyap
May 13 2022
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हमारा दिमाग शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है. लेकिन जब इसमें किसी कारण कोई असामान्य गांठ बन जाती है, तो इसे ब्रेन ट्यूमर कहते हैं.
मृत कोशिकाओं के बाद नई कोशिकाएं बनने की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है. लेकिन कई बार जब इसमें बाधा उत्पन्न हो जाती है, तो इसकी गांठ बन सकती है.
ब्रेन ट्यूमर होने से सिर दर्द, उल्टी, मूड बदलना, सीखने एवं सुनने की क्षमता में कमी, बोलने में दिक्कत या कई बार दौरे पड़ने की समस्या आ सकती है.
मस्तिष्क का फ्रंटल यानी कि सोचने का काम करने वाला हिस्सा इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकता है. इसमें लगभग 26% ट्यूमर हो सकता है.
कई बार केमिकल, पेस्टिसाइड्स या रेडिएशन की वजह से ब्रेन ट्यूमर हो सकता है. धूम्रपान, मद्यपान के साथ ही अनुवांशिकता के कारण भी इसका खतरा हो सकता है.
ब्रेन ट्यूमर ना हो इसलिए हमेशा ताजे फल एवं सब्जियां खाएं. साथ ही तंबाकू से परहेज करें. अधिक वजन न बढ़ने दें एवं समय पर टीकाकरण भी करें.
ब्रेन ट्यूमर के रोगी मशरूम खाएं. साथ ही योगाभ्यास करें. बायोप्सी करके कैंसर का पता लगाएं. ट्यूमर ज्यादा बढ़ने पर ब्रेन सर्जरी भी करवा सकते हैं.
ब्रेन ट्यूमर के बिनाइन टयूमर एवं मालिगनेंट टयूमर यह दो प्रकार होते हैं. इनमें से मालिगनेंट टयूमर का समय पर इलाज ना होने से यह अन्य हिस्सों में फैल सकता है.
ब्रेन ट्यूमर का समय पर इलाज करवाना ही फायदेमंद होता है. साथ ही हमें अपनी सेहत का खयाल रखना चाहिए. किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से जरूर मिले.
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