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‘टेलेकिनेसिस’ (Telekinesis) की अद्भुत शक्तियां कैसे प्राप्त करें?

जैसे कि हम सब जानते हैं, हमारे आस पास बहुत सारी ऊर्जाएं होती हैं और इन ऊर्जाओं की मदद से हम अपने कार्य करते हैं. जैसे कि हवा, धूप एवं पानी की मदद से हम बिजली उत्पन्न कर सकते हैं. साथ ही बिजली की सहायता से हवा और रोशनी भी उत्पन्न कर सकते हैं. हमारे वातावरण में भी ऐसी ही बहुत सी ऊर्जाएं हैं. कुछ ऊर्जाएं तो हमें पता है लेकिन बहुत सी ऊर्जाओं से हम अभी भी अनभिज्ञ हैं. कुछ ऊर्जाएं ऐसी भी है जो हमें पता है, लेकिन हम उन्हें उपयोग में नहीं ला सकते. ऐसी ही एक ऊर्जा है टेलेकिनेसिस! आइए आज के लेख में हम इसी पर बात करेंगे.

आखिर क्या होता है टेलेकिनेसिस?

टेलेकिनेसिस एक ऐसी अद्भुत शक्ति होती है, जिसकी मदद से हम किसी भी वस्तु को बिना छुए उसे हिलाने में समर्थ हो सकते हैं. यहां तक कि किसी काम को भी हम सिर्फ सोच कर ही उसे पुुरा कर सकते हैं. जैसे कि रिमोट को हाथ लगाए बिना ही चैनल बदलना, लाइट और पंखा चलाना या बंद करना, दरवाजा खोलना या बंद करना, आदि. हालांकि हम यह जानते हैं कि यह बात कितनी सत्य है इसके बारे में अभी कहा नहीं जा सकता, लेकिन क्या यह बात सच है इसी पर हम विचार करेंगे.

अगर वाकई में सोचा जाए, तो यह बात सत्य हो सकती है. क्योंकि इस बात में यही कहा गया है कि अपने खुद के विचारों पर भरोसा करना चाहिए. हमारी भारतीय संस्कृति में विचारों को सबसे ज्यादा महत्त्व दिया गया है.

जिससे हम अपनी कल्पना मात्र से ही जो चाहे वह हासिल कर सकते हैं. अपनी कल्पनाशक्ति अर्जित करने के लिए हमारी भारतीय संस्कृति में अलग अलग तरीके बताए गए हैं. टेलेकिनेसिस भी विचार और इच्छाशक्ति का एक छोटा सा अंश है.

Telekinesis कैसे काम करता है?

हमें यह पता है कि हमारे शरीर में बहुत ही कम मात्रा में ‘चुंबकीय शक्ति’ अर्थात ‘मैग्नेटिक पावर’ होती है. इसी पावर को अगर हम बढ़ा दे, तो उस बढ़े हुए पावर को ही हम ‘टेलेकिनेसिस’ कह सकते हैं. दरअसल यह पावर हम सब में होती है; पर हम इसे जानते नहीं हैं. अगर हम अपने इस पावर को पहचान ले तो हम इस शक्ति को बढ़ा सकते हैं. इसलिए इस पावर को बढ़ाने के लिए हमें अपने अंदर की शक्तियों को जानना होगा कि यह कितनी मात्रा में हमारे पास है. इसे जानने के लिए हम एक तरीका आजमा सकते हैं.

एक बंद कमरे में जहां हवा ना आये, ऐसी किसी एक जगह पर मोमबत्ती जलाकर रख दें. उसके लौ के सामने बैठकर कम से कम 15 सेंटीमीटर दूरी पर अपने हाथ रखें. अब हथेली को आराम से मोमबत्ती की लौ के आसपास और चारों तरफ घुमाएं. इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं, जब तक आपकी हथेली का प्रभाव मोमबत्ती के लौ पर पड़ता हो. इससे यह पता चलेगा कि आपकी हाथ में कितनी मैग्नेट पावर है. अगर 15 सेंटीमीटर से ही लौ पर प्रभाव पड़ता है, तो समझ लीजिए आपकी मैग्नेट पावर कम है. मोमबत्ती की लौ पर जितनी दूर से प्रभाव पड़ेगा, आपकी पावर भी उतनी ही ज्यादा हैं.

इसी पावर को टेलेकिनेसिस कहते हैं.इस पावर को बढ़ाने के लिए आपको अपना मन एकाग्र करना होगा, क्योंकि जितनी ज्यादा एकाग्रता होगी उतनी ही ज्यादा पावर बढ़ती है. एकाग्रता बढ़ाने के लिए हमें ध्यान, योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करना जरूरी है. यही ऐसे उपाय है जिससे हमारे मन की एकाग्रता जल्द ही बढ़ सकती हैं.

अगर आपने पर्याप्त मात्रा में योगाभ्यास कर लिया हो, तो आप टेलेकिनेसिस की शक्ति को अपने टीवी के रिमोट कंट्रोल पर आजमा कर देख सकते हैं. इसमें आप खुद ही देख पाएंगे कि कोई बटन बिना दबे ही आपकी टीवी का चैनल बदल रहा होगा. टेलेकिनेसिस की इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम यह अनुमान निकाल सकते हैं कि, आपकी इस पावर को बढ़ाने के लिए आपको कम से कम 1 साल तक हररोज 1 घंटा योगाभ्यास करना जरूरी है, तभी इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं.

टेलेकिनेसिस हर किसीके लिए संभव होने योग्य है ऐसा नहीं. इस लेख का उद्देश्य अपने मन की एकाग्रता को बढ़ावा देना बस इतना ही है. चीजों को बिना छुए उठाना, यह बात से या किसीभी अंध विश्वासी तकनीक से वर्थ टू शेयर कभी समर्थन नहीं करता. इस लेख में दी गयी चीजों को लेखक द्वारा दी बताई गयी चीजों को बस जानकारी के तौर पर ले, धन्यवाद्!

हमारा यह विशेष लेख पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद! हम आपके लिए रोज ऐसही अच्छे लेख लेकर आते है. अगर आपको यह लेख पसंद आता है तो फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपने दोस्तों को इसे फॉरवर्ड करना ना भूले. साथ ही हमारी वेबसाइट को रोजाना भेंट दें.

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© संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया

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