मानवी मन की शक्ति (The power of the mind)

The power of the mind :  Dosto,  आज हम मानवी मन की शक्ति अर्थात The power of the mind केेे बारे में बात करेंगे. यह शक्तियांं हमारे पास होती तो है; लेकिन हम इनके बारे में पूरी तरह से नहीं जानते हैं. आमतौर पे इसे पूरी तरह से ध्यान देकर जाने तो हम किसी भी काम को आसानी से कर सकते हैं और किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं. इसे अक्सर आसान भाषा में The power of the mind कहा जा सकता है. तो आइए इसके बारे में अधिक जानें.

हम जानते हैं कि पृथ्वी पर जितने भी सजीव प्राणी है, वे सभी पंचतत्व से ही मिलकर बने हुए हैं. अर्थात पृथ्वी, वायु, अग्नि, जल, आकाश यही भी पंच तत्व है. साथ ही जितने भी प्राणी होते हैं, उनके अपने खुद की कुछ विशेषताएं होती हैं. उदाहरण के तौर पे देखा जाए तो जैसे कि मछली पानी में सांस ले सकती है.

उल्लू रात में देख सकता है, कुत्ते की सूंघने की शक्ति बहुत ज्यादा होती है. बिल्कुल इसी प्रकार से मानव के पास भी ऐसीही लेकिन इन सभी से थोड़ी अलग मन की शक्तियां होती हैं. उनमें से इच्छा शक्ति, क्रिया शक्ति, ज्ञान शक्ति, कुण्डलिनी शक्ति, मातृका शक्ति, परा शक्ति होती है.

इनमें से पहली तीन शक्तियां तो हमारे पास पहले से ही होती है. इसके बावजूद हमें इनका सही तरीके से प्रयोग करना आना चाहिए, तब हम चाहें जो चीज पा सकते है.

The power of the mind :इच्छा शक्ति

जो हमारी इच्छाएं या हमारी कामनाएं होती है, उनकी जो शक्ति होती है, उसे ही इच्छा शक्ति  कहते हैं. जैसे कि आज हमें कुछ पढ़ना है या कहीं जाना है तो यह होती है हमारी इच्छा और उनकी शक्तियां मतलब इच्छा शक्ति. हम सबके अंदर यह शक्ति होती ही है; लेकिन अक्सर जबतक आपके प्रयत्न चालू रहते हैं, तब तक ही यह शक्ति आपके साथ होती है. 

एक बार आपको वह चीज ना मिले, तो आपके प्रयत्न करना बंद हो जाता है. और तभी आपकी इच्छा शक्ति भी खत्म हो जाती है. हमें इस शक्ति को बढ़ाना है. मतलब अगर हम मन में यह ठान लें की हमें यह काम करना है तो बस करना ही है, चाहे कुछ भी हो जाए. इसी कारण से जिस दिन आपने यह बात अपने मन से ठान लेंगे, आपकी इच्छा शक्ति जरूर बढ़ेगी.

इच्छा शक्ति के दो प्रकार : इच्छा शक्ति अच्छी भी होती है और कुछ बुरी भी होती है. हमें बुरी इच्छा शक्ति को नियंत्रित करते हुए अच्छी इच्छा शक्तियों को विकसित करना है. तभी आपकी अच्छी इच्छा शक्ति क्रियाशील हो सकती है.

The power of the mind :क्रिया शक्ति 

हम लोग जो कुछ कार्य करते हैं, उसकी क्षमताओं को ही क्रियाशक्ति कहते हैं. हम हर रोज कुछ ना कुछ कार्य करते हैं, लेकिन उसकी मात्रा बहुत सीमित रहती है. हमें पता ही नहीं होता कि हमारे अंदर कोई भी कार्य करने की कितनी शक्ति होती है जिसे हम The power of the mind भी कहते हैं.

दूसरे शब्दों में कहे तो हमारे अंदर इतनी ज्यादा क्षमता होती है कि किसी भी कार्य को उसकी चरम ऊंचाई तक ले जा सकते हैं. अगर हम अपनी क्रियाशक्ति को बढ़ा दें जो कि हमें पता है कि हमारे अंदर पहले से ही मौजूद होती है. बस हमें उसे जगाना है, तो हम किसी भी क्षेत्र में एक बड़ी ऊंचाई तक जरूर पहुंच सकते हैं.

The power of the mind :ज्ञान शक्ति

हम पुस्तक से और हर रोज के व्यवहार से जो ज्ञान सीखते हैं, उसी को ज्ञान शक्ति कहते हैं. दुनिया में सभी लोग कम या ज्यादा मात्रा में ज्ञान अर्जित करते हैं. अगर हम चाहें तो हमारे अंदर इतनी The power of the mind होती हैं कि हम बहुत ज्यादा ज्ञान ग्रहण कर सकते हैं. लेकिन हम वह करते नहीं हैं. ज्ञान शक्ति को बढ़ा लें तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा.

आइए अब बाकी बची कुण्डलिनी, मातृका और परा शक्ति इन तीनों शक्तियों के बारे में बात करें.इन तीनों शक्तियों को हासिल करने के लिए हमें बहुत ज्यादा The power of the mind लगानी होगी. अर्थात इन्हें हम योग, प्राणायाम, ध्यान इन सब चीजों की मदद से ही पा सकते हैं.

The power of the mind :कुण्डलिनी शक्ति 

हमारे शरीर में कुंडलिनी शक्ति होती है, लेकिन वह जागृत अवस्था में नहीं बल्कि सुप्त अवस्था में होती है.माना जाता है कि मनुष्य की शरीर के रीढ़ की हड्डी में इंगला और पिंगला इन दोनों नाड़ियों के बीच होने वाली सुषुम्ना नाड़ी में ही कुंडलिनी शक्ति स्थापित होती है. इस कुंडलिनी में नीचे से लेकर ऊपर तक सात चक्र होते हैं.

उन्हें क्रमानुसार मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुरा चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, अजना चक्र और सहस्रार चक्र इन नामों से जाना जाता है. इन सातों चक्र को जागृत करने के लिए बहुत ज्यादा मात्रा में प्राणायाम, ध्यान और योग जैसे The power of the mind की आवश्यकता होती है.

The power of the mind :मातृका शक्ति 

यह बहुत ही उच्च श्रेणी की शक्ति होती है. इसलिए यह सभी लोगों को प्राप्त नहीं हो पाती. इसे प्राप्त करने के लिए आपको अपने मन को बहुत ही नियंत्रित और शांत करना होगा. अपने मन पर पूरी तरह से का काबू पाना होगा. तभी आप को मातृका शक्ति को प्राप्त करना ज्यादा कठिनाई नहीं होगी.

The power of the mind :परा शक्ति 

यह अत्यंत दुर्लभ शक्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इसकी मदद से हम कई तरह की आत्माओं से बात कर सकते हैं. अपने शरीर का त्याग करते हुए अपनी आत्मा को किसी दूसरे के शरीर में डाल सकते हैं.

इसलिए यह माना जाता है कि यह शक्ति बहुत कम लोगों को मिल सकती है. ऐसा भी माना जाता है कि इसकी मदद से हम किसी और दिव्य शक्ति से या परमात्मा से भी बात कर सकते हैं. इसे भी आप बहुत ज्यादा ध्यान और योग के माध्यम से ही प्राप्त कर सकते है.

आशा है हमारा The power of the mind यह लेख पढ़ने के बाद आपको इतनी जानकारी तो जरूर आयी होगी कि कुंडलिनी, मातृका और परा शक्ति यह आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त करना आसान तो नहीं है. सौ बात की एक बात ये है कि यह अदृश्य शक्तियां प्राप्त करने के लिए हमें पहले हमारे हाथ में हो, उस कार्य को मन लगाकर करना चाहिए. तभी हम इच्छित ऊंचाई को जरूर छू सकते हैं.

© ✍? संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया

नोट :  जैसा की इस लेख में बताया गया है, अभी ये सारी बातें और विचार वैज्ञानिक दृष्टीसे साबित नहीं हुए हैं, ये सिर्फ मान्यतायें हैं, जिनसे ‘Worth to Share’ और लेखक सहमत ही होंगे, ऐसा नहीं हैं.अगर इनका किसी जीवित या मृत, व्यक्ति या प्राणी से संबंध आता है, तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा.


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