दोस्तों आज हम एक नई कहानी के को पढ़ेंगे जिसका नाम है असहाय भेड़िया ..
एक शेर और एक भेड़िया जंगल में घूम रहे थे. अचानक उनके कान पर मेमनो की आवाज आई. मेमनो की आवाज सुनकर अपनी बढ़ाई मारते हुए भेड़िए ने कहा.
देखिए महाराज, आप चलते चलते बहुत थक गए होंगे. आप थोड़ी देर यहीं बैठें. मैं जाकर आपके लिए दो चार मेमने मारकर लता हूं. यह बात कहकर वो भेड़िया मेमनो की आवाज की और चला गया.
वहां जाते ही मेमनो का मालिक एवं दो चार जंगली कुत्ते भेड़िए को दिखाई दिए. उसी समय वह भेड़िया शेर के पास वापस आ गया. और शेर से भेड़िए ने कहा,” महाराज आप तो इस जंगल के राजा हो” और उधर जो मेमने खड़े है. वे काफी बीमार और पतले है. शायद उन मेमनो पर बीमारी फैली हो.
इतने सारे मेमनो में से एक भी मेमना ठीक नहीं है. इसलिए हमे दूसरी शिकार करनी चाहिए. वहीं हमारे लिए ठीक होगा.
शेर ने भी जंगली कुत्तों की आवाज सुनी थी. इसलिए शेर को भेड़िए की चालबाजी समझ में आ गई थी.
तात्पर्य:- अपनी असहायता छुपाने के लिए कुछ ना कुछ कारण आगे करना यह पशुओं का स्वभाव होता है.
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? अनुवादक
योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया