सबसे बड़ा सिर, बड़े बड़े पांव और एक लंबी सूंड यह वर्णन सुनते ही जिस जानवर की तस्वीर हमारी आंखों के सामने आ जाती है, वह है हाथी! घने जंगलों के बीच हाथी की सवारी करना छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्गों तक सभी को बहुत पसंद होता है. दुनिया में जानवरों के साम्राज्य में सबसे विशाल यद्यपि कोमल जीव के रूप में हाथी को ही जाना जाता है. अपना बड़ा शरीर होने की साथ ही यह प्राणी भावनात्मक, बुद्धि या सुंदरता की दृष्टि से भी सभी प्राणियों की तुलना में बहुत अधिक ऊपर है. फिर भी इनकी दांतो के बाजार में बहुत ज्यादा दाम होने के कारण शिकारी इनका अधिक मात्रा में शिकार करते हैं. इसी के परिणाम स्वरूप समय के साथ इनकी आबादी तेजी से घटती दिखाई दे रही है.
हाथी बचाओ दिवस अर्थात सेव द एलिफेंट डे का उद्देश्य ही लोगों को हाथियों के बारे में ज्ञान देकर शिक्षित करना है. जितना अधिक लोगों में इसकी जानकारी बढ़ेगी उतना ही इनके विलुप्त होने की संभावनाएं कम होती जाएगी और हम सब इन खूबसूरत प्राणियों को बचाने में प्रकृति की मदद कर सकेंगे.
Elephant बचाओ दिवस का इतिहास
हाथी बचाओ दिवस की स्थापना ‘एलिफेंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन’ के द्वारा की गई थी. इस दिवस का उद्देश्य लोगों में हाथियों पर आने वाले कई तरह के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने को लेकर था. इस दिवस का आरंभ 2012 में किया गया था, जब ‘फॉरेस्ट पर लौटे’ यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई गई थी. यह डॉक्यूमेंट्री थाईलैंड के जंगलों में कैद एशियाई हाथियों को वापस लाने की चुनौतियों के बारे में थी.
अंतरराष्ट्रीय कंजर्वेशन संघ की तरफ से अफ्रीकी और एशियाई हाथियों के संरक्षण के लिए सूची बनाई गई है. इसमें उनकी आबादी तेजी से घटने पर चिंता जताई गई है. साथ ही इन शानदार जीवो की संख्या किस तरह बढ़ेगी इस पर भी सोच विचार करके कुछ नियम लागू किए गए हैं.
हालांकि यह बात सोचने लायक है कि, पिछले 100 वर्षों में जंगली निवास के विनाश के कारण एशियाई हाथियों की संख्या में भारी गिरावट आई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मिलने वाली उनकी दांतों की कीमत की वजह से ना जाने कितने हाथियों को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ता है. आंकड़ों की माने तो हर 15 मिनट में एक हाथी को उसके दांतो को पाने की लालसा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है.
हाथी बचाओ दिवस कैसे मनाएं
हाथी बचाओ दिवस मनाने के लिए सबसे पहले आपको इस एक भावना के साथ आगे आना होगा कि दुनिया भर के हाथियों की जान कैसे बचाई जाए. यह किसी एक सरकार या फिर एनजीओ तक ही सीमित नहीं है; अपितु यह सारे लोगों की जिम्मेदारी है. जिन्हें इनके बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं है उन लोगों को दुनिया के इन सबसे बड़ी जीवों के बारे में तथ्यों को बताना चाहिए. लोगों ने भी समय निकाल कर यह तथ्य जानने की कोशिश करनी चाहिए कि हाथियों ने दुनिया के सारे जानवरों से बड़ा दिमाग कैसे पाया है और कैसे उन्हें अत्यधिक बुद्धिमान माना जाता है. यह गौरतलब की बात है कि वे मनुष्य के भाँति खुशी, दुख, क्रोध जैसी कई भावनाओं को समझ भी सकते हैं.
अपने देश की सरकार और कई गैर लाभकारी संगठन अर्थात एनजीओ को मदद करके आप इनकी बढ़ती हुई शिकार को रोकने में मदद कर सकते हैं और इन इंसानी मित्र के विलुप्त होने की संभावनाओं को कम कर सकते है.
हाथियों के बारे में जितनी हो सके, अधिक जानकारी लेकर आप इन्हें शिकारियों की हाथ लगने से रोंकने की कोशिश करें. साथ ही कुछ पैसे बचाकर आप किसी चिड़ियाघर की यात्रा करें और हाथियों पर हो रहे संशोधन, संरक्षण एवं सुरक्षा पर चर्चा करें. हो सके तो आप हाथियों के पुनर्वास मैं कुछ फंड देकर भी इनकी मदद कर सकते हैं.
रोजमर्रा की अपनी जिंदगी में भी हाथियों के बारे में मिली जानकारी को आप बैनर्स, पोस्टर्स या पर्चियों के द्वारा लोगों में साझा करते हुए उन्हें शिक्षित और सक्रिय करने का प्रयास कर सकते हैं. इस तरह हाथी बचाओ दिवस को अपनी दोस्तों और परिवार के साथ मना कर आप हाथियों के साथ सेल्फी खिंचवाने का मोह भी कर सकते हैं!
इस तरह के विविध लेखों के अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज ssoftgroup लाइक करे. WhatsApp पर दैनिक अपडेट मिलने के लिए यहाँ Join WhatsApp पर क्लिक करे
हमारा यह दिनविशेष पर आधारित लेख पूरा पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद! हम आपके लिए रोज ऐसही अच्छे लेख लेकर आते है. अगर आपको यह लेख पसंद आता है तो फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपने दोस्तों को इसे फॉरवर्ड करना ना भूले. साथ ही हमारी वेबसाइट को रोजाना भेंट दे