मित्रों, आज हम एक बिलकुल नई कहानी जिसका शीर्षक है एक झूठ, सौ मुसीबतें! पढ़ेंगे जो शायद ही आपने कही पढ़ी हो.
एक चील और एक उल्लू हमेशा एक-दूसरे से बहस करते रहते हैं. अंत में, उन्होंने एक-दूसरे के साथ मित्रता निभाने की कसम खाई और एक-दूसरे के चूजों को न खाने का फैसला किया.
उल्लू ने चील से कहा, “दोस्त! ये सब तो ठीक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेरे चूजें कैसे हैं? यदि आप नहीं जानते, तो मुझे डर है कि तुम उन्हें दूसरे पक्षी के चूजें समझकर खा जाओगे.” इसपर चील ने पूछा, “मैं वास्तव में नहीं जानता कि तुम्हारे चूजें कैसे होते हैं.” उल्लू ने कहा, “तो सुनो. मेरे चूजें बहुत सुंदर है. उनकी आंखें सुंदर हैं, उनके पंख सुंदर हैं, सब कुछ सुंदर है. इस विवरण से आपको आसानी से पता चल जाएगा कि मेरे चूजें कौन से हैं.”
एक दिन, एक पेड़ की ढलान में, चील को उल्लु के चूजें मिले. उसने उनकी ओर देखा और कहा, “कितने मैले, गंदे और बदसूरत दिखते है ये चूजें!” उल्लू ने अपने चूजों को बहुत सुंदर बताया था.
इसका मतलब ये उल्लू के चूजें बिलकुल भी नहीं हो सकते. तो इन्हे मारकर खाने में कुछ भी गलत नहीं है.” ऐसा मानकर उसने उन चूजों को खा लिया.
अपने चूजों को गायब देखकर उल्लू ने चील से कहा, “दोस्त! मुझे लगता है कि तुमने ही मेरे चूजों को मार दिया.” चील ने कहा,”हां, मैंने उन्हें खाया, लेकिन यह मेरी गलती नहीं थी. तुमने अपने चूजों का जिस तरह झूठा वर्णन किया, मैं उन्हें पहचान नहीं पाया. इतने बदसूरत चूजें उल्लू के नही बल्कि किसी दूसरे पक्षी के ही हों सकते यह सोचकर मैंने उन्हें मार दिया, तो इसमें मेरी क्या गलती है?”
तात्पर्य :- अपने आप की वास्तविक सच्चाई को छिपाकर, जो आदमी झूठी कहानी बयान करता है, वह अपने आपको मुसीबत में डाल देता है.
हमने देखा की एक झूठ उसके साथ कितने मुसीबतो को साथ लेकर आता है. हमारी यह कहानी पूरी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद! हम आपके लिए रोज ऐसीही अच्छी कहानियां लेकर आते है. अगर आपको कहानी पसंद आती है तो इसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर अपने दोस्तों को फॉरवर्ड करना ना भूले. साथ ही हमारी वेबसाइट को रोजाना भेंट दे.
? अनुवादक
संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया