night meditation | रात्रि ध्यान – Must read article

night meditation : रात्रि ध्यान बिस्तर पर सोने के लिए जाते समय ही करना होता है. अगर रात्रि ध्यान में कोई गलती होती है तो आपको सीधा नींद भी लग सकती है.

night meditation kyon jaruri hai

रात्रि ध्यान में हमारा जो अंतिम विचार होता है, वही हमारे निद्रा में केंद्रीय होता है और वही सुबह उठने पर हमारा पहला विचार होता है.रात्रि ध्यान किये बिना अगर रात को आप क्रोध में सो रहे हैं, तो रात भर आपको क्रोध भरे सपने ही आएंगे और सुबह भी आपको क्रोध से भरा ही विचार आएगा.

अगर आप ratri dhyan करते हैं तो फिर आपके सपने धीरे-धीरे शून्य होते जाएंगे. कुछ ही दिनों में आपकी नींद एक गहरी निद्रा बन जाएगी और सुबह उठने पर भी आपका पहला भाव शांतिपूर्ण, आनंद और प्रेम का होगा.

night meditation kaise karen | ratri dhyan kaise kare 

1.  सबसे पहले आप अपने कमरे में अंधेरा करते हुए बिस्तर पर बैठ जाएं. दो-चार लंबी सांसे ले. उसके बाद धीरे से लेट जाएं और अपनी आंखों को आहिस्ता-आहिस्ता बंद कर ले.

2.  फिर सारे शरीर को बिल्कुल ही शिथिल अर्थात relax छोड़ दें. जैसे कि शरीर में कोई प्राण ही ना हो. 

3.  तीन मिनट तक अपने मन में बस यही विचार होना चाहिए कि मेरा शरीर बस शिथिल हो रहा है.जैसा आपका मन में भाव आएगा, शरीर भी उसी तरह response यानी प्रतिक्रिया करेगा. शुरुआत में इसे करने में जरा सी परेशानी हो सकती है. लेकिन थोड़े दिनों के अंतराल में यह मुमकिन हो सकता है.

4.  शरीर को ऐसे ढीला छोड़ देने पर आपका श्वास भी एकदम शांत, धीमा और गहरा हो जाएगा.

5.  बाहर से किसीकी आवाज भी आएगी, कोई कुत्ता भी भौंके, तो भी आपको उसे चुपचाप सुनना होगा. वह आपके लिए तब तक disturbance नहीं बनेगा, जब तक आप उसे बना न लें. वह आपके लिए तब disturbance बनेगा, जब आप चाहोगे कि कुत्ता ना भौंके.

6.  आपके चारों तरफ जो भी हालात है, जो भी हो रहा है, जैसे भी हो रहा है, उसे वैसे ही होने दे और आप बस ध्यान करते रहें!

7.  आंख बंद करते हुए अब अपने शरीर को कुछ इस तरह ढीला छोड़ दें की पैर की उंगलियां और घुटनों के स्नायु में कोई खिंचाव यानी कि tightness ना रहे. कोई तनाव, tension ना रहे.

8.  इसके बाद अपने hips अर्थात कूल्हों और पेट यानी stomach के दबाव पर ध्यान दें की कहीं कोई खिंचाव ना रहें.

9.  इसके बाद दोनों हाथ, दोनों कंधे, गर्दन एवं मस्तिष्क इन सभी को एकदम ढीला छोड़ दें. पैर से लेकर आपके सिर तक सभी स्नायुओं को बिल्कुल relax छोड़ दें.

10.  उसके बाद अपने मन में ऐसा भाव करे कि आपका श्वास शांत हो रहा है. पूरा शरीर अपने आप एक अनोखी शांति का अहसास करेगा. आपका मन भी एकदम मौन का एहसास करेगा.

11.  अगले 10 मिनट के लिए जो भी आवाजें आएं, जो भी विचार आएं, उन्हें सुनते रहें और सब स्वीकार करते रहें. आवाजें सुनते सुनते ही आपको अपने मन की और अधिक गहराई का एहसास होगा.

 12.  हररोज रात्रि ध्यान में श्वास के साथ इस शांति का एहसास करें और इस प्रयोग को करने के बाद बिल्कुल शांत होकर सो जाएं!

night meditation ke fayde

1.   आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि अगर रात्रि ध्यान करते करते अगर हम नींद के आगोश में चले गए तो ध्यान कहां रहा और ध्यान का फायदा कैसे होगा? परंतु याद रखिये, हमने ध्यान करते हुए जो positive vibrations का क्रम शुरू किया हुआ था, वह पूरी रात भर चलता रहेगा. 

2.  अगर हमारा दिमाग negative बातें अर्थात बुरी बातें सोच कर या फिर दुखी होकर बुरे सपने आने की जो संभावनाएं होती है. वह ध्यान लगाकर सोने से ही कम होगी.

3.  हमारा दिमाग भी उसी क्रिया में आगे चलता रहेगा. सुबह उठने पर हमारे मन में भी positive विचार ही आएंगे.

4.  सुबह उठने पर हमारा मन तरोताजा रहेगा क्योंकि हम रात में positive vibrations को साथ लेकर ही सोये थे. 

5.  अगर हम इसी प्रकार ही सुबह उठेंगे, तो दिनभर करने वाले हमारे प्रत्येक कार्य में वह positive energy रूपांतरित हो जाएगी और हमारा प्रत्येक कार्य संपन्न होगा.

6.  यदि हम रात्रि ध्यान करते हुए सुबह positive energy के साथ उठेंगे, तो हम खुदको बहुत तरोताजा महसूस करेंगे और जिंदगी में हमें आगे बढ़ने के लिए रास्ते खुल जाएंगे.

7.   इसलिए हमें चाहिए कि रात को सोने से पहले हम रात्रि ध्यान जरूर करें और ध्यान में ही नींद लें.

8.  यदि आप लंबा ध्यान लगा सकते हैं तो आधा या एक घंटा भी night meditation कर सकते हैं. लेकिन कम से कम आपको 5 या 10 मिनट तक रात्रि ध्यान जरूर करना चाहिए.


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