MS Dhoni: अपने क्रिकेट करियर रिटायरमेंट स्टेटमेंट में क्यों 1929 का जिक्र किया?

MS Dhoni : कैप्टन कूल के शानदार और यादगार इनिंग की समाप्ति! : दिसंबर 2004 में चितगांव में बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था, ऐसे हमारे सबके चहेते माही उर्फ MS Dhoni ने 15 अगस्त 2020 के दिन सभी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. इस बात पर सभी लोगों की बस एक ही प्रतिक्रिया आ रही है की सबसे अच्छे कप्तानों में से एक आज सेवानिवृत्त हो गए हैं.

MS Dhoni retirement

एम एस धोनी अर्थात हमारे प्यारे माही ने 15 अगस्त यानी कि भारत के स्वतंत्रता दिवस पर Instagram पर एक फिल्म के गाने के साथ वीडियो शेयर किया. उसमें उन्होंने अपने चंद यादगार पलों को वीडियो के रूप में बनाकर अपनी यादों को ताजा किया है. इस वीडियो को देखकर भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उपस्थित धोनी के फैन्स के दिल में एक उथल-पुथल मचा दी. उन्होंने आपने मैसेज में कहा है कि, ‘अब तक के सफर के लिए और आपके प्यार तथा समर्थन के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया.

आज शाम 1929 से मुझे रिटायर समझा जाए.’ धोनी के इस छोटे से मैसेज ने पूरी दुनिया में लोगों के दिल में उनके प्रति सम्मान और भी बढ़ा दिया. आज फिर एक बार इस तथ्य को उन्होंने रेखांकित कर दिया है कि सभी बातों का एक सीमित समय होता है. ऐसा नहीं है कि आज तक किसी ने सेवानिवृत्ति स्वीकार नहीं की हो. लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, कि जो याद रह जाते हैं. और इन्हीं में महेंद्र सिंह धोनी शामिल है.

इस खिलाड़ी को कैप्टन कूल का किताब यूं ही नहीं मिला है. इसी किताब के चलते उनका व्यवहार भी हमेशा से शांत तरीके का रहा है. खिलाड़ियों को मैदान पर खेलते समय भी कुछ नियमों का पालन करना चाहिए होता है. और इन नियमों का महेंद्र सिंह धोनी ने बखूबी पालन किया है. किसी टीम के कप्तान को कैसे होना चाहिए इसका सबसे अच्छा उदाहरण उन्होंने समय-समय पर मैदान पर दिखाए हैं.

एम एस धोनी : उनकी बताने योग्य कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं

1.  अत्यधिक एकाग्रता 2.  अपने मन को विचलित ना होने देने की वृत्ति 3.  उनका शांत स्वभाव 4.  जितना हो सके हर बार संयम बरतना 5.  अन्य जूनियर खिलाड़ियों पर भरोसा करना 6.  साहसिक और समय पर लिए हुए निर्णय 7.  हीन भावना ना होना 8.  उनकी सकारात्मक सोच 9.  उनकी बॉस ना बन कर सहकर्मी बनने की सोच10.  खुद भी और दूसरों को भी बिना दबाव के खिलाना

ये सभी गुण इस कप्तान के पास है. अगर देखा जाए तो वो अपने स्कूल के फुटबॉल टीम के गोलकीपर हुआ करते थे. लेकिन बाद में किशोर रंजन बैनर्जी जैसे गुरु ने उन्हें विकेट के पीछे खड़ा करते हुए इतिहास बना दिया. उनकी सफलता में उनके गुरुजी केशव रंजन बैनर्जी का भी योगदान है, यह बताने की जरूरत नहीं. एम एस धोनी ने टेस्ट, वन डे और टी-20 जैसे आईसीसी के तीनों ही प्रकार के खेलों में सफलता प्राप्त की है. और उनकी योग्यता हर बार सिद्ध करके दिखाई है. 

MS Dhoni ke records 

उन्होंने 350 अंतरराष्ट्रीय हिंदी में वनडे में 50.57 की औसत से 10 शतक 73 अर्धशतक लगाते हुए 10773 रन बनाए हैं. साथ ही 90 टेस्ट मैच में 38.9 की औसत से 6 शतक और 33 अर्धशतक की मदद से 4876 रन बनाए हैं. उन्होंने 98 T20 के मैच में 1617 रन बनाए हैं. और एक बेहतरीन विकेट कीपर के तौर पर अपने सबसे अच्छे खेल का प्रदर्शन करते हुए टेस्ट मैचों में 256 कैच पकड़े. और 38 बार बैट्समैन को स्टंप आउट किया. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों में 321 कैच पकड़े. तथा 123 बार बैट्समैन को स्टंप आउट किया. वहीं अगर टी-20 की बात की जाए, तो एम एस धोनी ने अपने खेले हुए T20 में 57 कैच पकड़े और 34 बार स्टंप आउट किया है.

इस तरह के ऊर्जावान करियर के बाद उतनी ही बेहतरीन रिटायरमेंट लेना कोई साधारण सी बात नहीं होती है. महेंद्र सिंह धोनी ने खुद कभी दबाव महसूस नहीं किया, और ना ही किसी टीम के सदस्य को उन्होंने दबाव का एहसास कराया. क्योंकि वो चाहते थे कि वे खुद और उनकी टीम के हर एक सदस्य अपना प्राकृतिक खेल दिखाए. तभी वे अच्छी तरह से खेल पाएंगे. ऐसा उनका हमेशा से मानना रहा है. इस मामले को और एक बार रेखांकित करते हुए हम एक उदाहरण दे सकते हैं. टी20 विश्व कप के फाइनल में जोगिंदर शर्मा पर उन्होंने विश्वास जताया था.

और उसे लास्ट ओवर में बॉल थमा दी थी. जोगिंदर शर्मा ने भी उनके इस विश्वास को टूटने नहीं दिया. और पूरे आत्मविश्वास के साथ आखिरी समय में भारतीय टीम की जीत पर मोहर लगा दी थी. ऐसे जूनियर खिलाड़ी पर विश्वास जताकर उनके साथ सचिन तेंदुलकर जैसे सीनियर खिलाड़ी के साथ में खेलना, कोई महान खिलाड़ी ही कर सकते हैं. ऐसा सिर्फ चतुर और आदर्श कप्तान कैप्टन कूल एम एस धोनी ही कर सकते थे.

MS Dhoni ke retirement message ka arth

शायद आपने गौर किया होगा कि उन्होंने मैसेज में 7:29 के समय का जिक्र किया है. तो हम आपको बता दें कि यह वही समय था, जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप से बाहर हुई थी. साथ ही दूसरी ऐसी सम्भावना जताई जाती है कि धोनी ने भारतीय सेना में रहते हुए  सेना के एक एक मिनट को कीमती मानने की बात को अपना लिया है. और वैसे भी लोगों को अपनी बातों से अचंभित कर देना, उनकी पुरानी आदत सी है. कई बार उन्होंने लोगों के लिए ऐसे हैरान कर देने वाले किस्से किए हैं.

और उनकी ऐसी आदत की वजह से ही उन्होंने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा भी ऐसे ही रहस्य भरे वक्त के साथ की है. कई करीबी लोगों का मानना है कि धोनी अपने करियर को भी सूर्यास्त के समान ही अंत देना चाहते थे. और इसलिए शायद उन्होंने भारत के गुजरात के सबसे पश्चिमी क्षेत्र में जब सूरज शाम 7:29 मि. पर डूबा, तो उन्होंने भी इसी वक्त अपने retirement का फैसला कर लिया. उन्होंने  1929 इस तरह से समय लिखा, तो उनकी ये बात सेना के प्रति अपना स्नेह भाव जताती है. इतनी गहरी और उच्च सोच शायद धोनी जैसे महान खिलाड़ी ही कर सकते हैं. उन्होंने लास्ट वर्ल्ड कप के बाद कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था.

महेंद्र सिंह धोनी के जैसा कप्तान मिलना दुर्लभ बात होती है. इसीलिए ही ऐसे महान खिलाड़ी पर बनी हुई फ़िल्म भी आपने कई बार देखी होगी. ms dhoni movie को शायद ही किसीने miss किया होगा. वो अपनी 39 वर्ष की उम्र के 39 दिन सेवानिवृत्त हुए हैं. और हम भी उन्हें उनके सेवानिवृत्ति की शुभकामना करते हुए उनकी सेकंड इनिंग के लिए उन्हें हार्दिक बधाइयां देते हैं.
हमारा ‘MS Dhoni : कैप्टन कूल के शानदार और यादगार इनिंग की समाप्ति‘ पर लिखा हुआ विशेष लेख पढ़कर अगर आपके मन में भी अपने चहेते माही के लिए सम्मान जाग गया हो, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करते हुए हमें जरूर बताइएगा!

योगेश बेलोकार
Ssoft group INDIA


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