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विस्कॉन्सिन राज्य विधानसभा की प्रसिद्ध सदस्या शैला स्टब्स ने कहा है की, “दाई बच्चे के जन्म के चमत्कार को सामान्य मानती हैं और उसे तब तक अकेला छोड़ देती है, जब तक कि कोई परेशानी ना हो. पुरूष प्रसूति विशेषज्ञ आमतौर पर इस बात को परेशानी के रूप में देखते हैं और वे उसे अकेला छोड़ दे तो यह चमत्कार होगा.”
यह किसी के लिए भी हैरानी की बात है कि बहुत सी महिलायें अस्पतालों में बच्चों को जन्म देने के बजाय एक अनुभवी महिला के मार्गदर्शन पर अपने ही घरों में बच्चों को जन्म देना चाहती है. आज भी इस विषय पर बहुत से लोगों की विचारधारा स्पष्ट नहीं रहती है. ऐसी कई स्त्रियाओं को जो महिलाओं की प्रसूति में विशेषज्ञता प्राप्त करती थी और स्वाभाविक रूप से उन्हें घर पर ही प्रसूति के लिए मार्गदर्शन करते हुए मदद करती थी, उन्हें ‘दाई’ अर्थात ‘मिडवाइव्ज’ कहा जाता था.
अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस हमें यह याद दिलाने के लिए कार्य करता है कि महिलाओं का शरीर जन्मजात और किसी अन्य चिकित्सकों द्वारा नियोजित कुछ आक्रमक तरीकों के बिना ही बच्चों को जन्म देने में पूरी तरह से सक्षम होता है.
अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस हमें पुराने इतिहास में वापस ले जाता है. वैसे तो, दुनिया भर में दाई के परंपराओं का बहुत बड़ा रिकॉर्ड बना हुआ है. ये ऐसी महिलाएं होती हैं, जिन्होंने प्रसूति प्रक्रिया का पूरी तरह से अध्ययन किया हुआ होता है और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने के बारे में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती हैं.
हालांकि प्राचीन दिनों में यह बात सच थी कि उनकी प्रथाएं, उनके अनुभवों एवं अंधविश्वास पर ही बहुत अधिक आधारित थी. लेकिन आज इन दाई महिलाओं को ऑब्सटेट्रिशियन के रूप में अधिक माना जाता है.
बहुत से ऐसे दाई विशेषज्ञ पुरुष भी है, जिन्होंने हजारों सालों की परंपराओं के चलते चिकित्सा के इस क्षेत्र में विशेष रुप से महिला दाई जितनी ही कला प्राप्त की है. प्राचीन ग्रीक इतिहास में वास्तव में यह सब बातें हो चुकी है कि एक दाई होने के लिए आपको किसी महिला को खुद प्रसूत कराना पड़ता था.
जिसके कारण यह एक विशेष रूप से अभ्यास बन गया था.यह एक इतिहास है कि मिडवाइफरी और ऑब्सटेट्रिशियन के बीच विभाजन का कारण 17 वी शताब्दी में यूरोप में हुआ. जहां पिछले कुछ सालों के लिए दाई का काम बंंद हो गया था. घर पर प्रसूति होनेे वाली स्त्रियों की संख्या भी बढ़ गई थी. अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस को निडर महिलाएं और पुरुष भी मनाते हैं ताकि वे घरपर ही खुशहाल और स्वस्थ प्रसूति में बच्चोंं को जन्म दे सकें.
अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस मनाना क्यों जरूरी है?
दाई दिवस एक अत्यंत महत्वपूर्ण उत्सव है. इसके कई कारण है, इनमें से निम्नलिखित कारण कुछ इस प्रकार हैं:
दाइयों की कमी है- खासकर विकासशील देशों में भी दाइयों की कमी है. इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में भरपूर चुनौतियां है और सभी दाइयों को समर्थन की कमी, खराब परिस्थिति और वेतन की कमी का अनुभव जरूर होता है.
दाइयां हर साल लाखों बच्चों की जान बचाती है- 1990 के बाद दुनिया में नवजात शिशु और माताओं की मृत्यु में लगातार कमी देखी गई है. इसका एक मुख्य कारण यह है कि अधिक महिलाओं को कुशल दाई की देखभाल मिल रही है.
दाई महत्वपूर्ण चिकित्सा में देखभाल भी प्रदान करती हैं- दाइयां न केवल जीवन बचाती है बल्कि अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रदान करती है. वे गर्भाशय, ग्रीवा और स्तन कैंसर की जांच भी कर सकती हैं और साथ ही उसके बारे में परामर्श और अन्य सेवाएं भी दे सकती है.
International Midwives’ Day कैसे मनाएं
अंतरराष्ट्रीय दाई दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि यदि आप किसी दाई को जानते हैं या किसी दाई ने आपके बच्चे को जन्म देने में मदद की है तो उन्हें धन्यवाद कार्ड भेजना सुनिश्चित करें, या फिर उन्हें कॉल करें और बताएं कि आप उनकी सराहना करते हैं. इस दिन को मनाने का एक और भी विकल्प है.
जो सोशल मीडिया पर लोग मनाते हुए खुद को उसमें शामिल करते हैं और दोस्तों को भी प्रोत्साहित कर सकते हैं. दाई आपके बच्चे की बहुत गहराई से देखभाल करती है, आप भी उनकी सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं और उनके काम में अदृश्य मदद कर सकते हैं.
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