लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बहस-एवं बहानों से बचें (Hindi Story)

लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बहस-एवं बहानों से बचना क्यों जरुरी है ये हम इस कहानी के जरिए देखते है..

एक दिन जंगल में बड़ी बहस चलने लगती है. गधा बाघ को कहता है कि घास पीले रंग कि है…..और बाघ गधे को कहता है कि घास हरे रंग की है……दोनों में बहस होती है.

ये बहस निपटाने के लिए दोनों शेर के पास जाते है. शेर के दरबार में सभी प्राणी पहलेसेही मौजूद रहते है.
गधा सयानी बातें कर सबके सामने शेर को कहता है कि, घास पीले रंग कि होती है. और बाघ कहता है कि घास हरे रंग की होती है..अब आप ही बताएं कि सही और ग़लत क्या है?

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शेर मन ही मन हंसता है और सबके सामने कहता है कि गधा सच कह रहा है. घास पीले रंग कि ही होती हैं. और बाघ को एक साल की सजा सुनाई जाती है. गधा खुशी के मारे उछलता हुआ चला जाता है.

दरबार का कामकाज समाप्त होने पर बाघ शेर के पास जाकर पूछता है कि, आपको पता है कि घास हरे रंग की ही होती है, फिर भी आपने मुझे सजा क्यों सुनवाई.

शेर कहता है कि मैंने सजा इसलिए तुम्हें दी की वो गधा है यह सबको पता है. और घास हरे रंग की ही होती है. इसमें कोई भी आपत्ती नहीं है.

लेकिन फिर भी एक बाघ एक गधे के साथ बहस करें और अपना कीमती समय बरबाद करें ये कुछ ठीक नहीं लगता. इसलिए मैंने तुम्हें सजा सुनाई.

तात्पर्य: अपने लक्ष्य तक अगर जाना हो तो रास्ते में आनेवाले कुत्तों को पत्थर मारने के बजाय आप उन्हें बिस्किट दें और आगे चलतें रहें. रास्ते में बहोत कुछ ऐसी बाधाये आपको मिलेगी, लेकिन ध्यान रहे की अपना लक्ष्य महत्वपूर्ण होता है. निरर्थक बहस कभी उपयुक्त साबित नहीं होती.

? अनुवादक
योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया