बच्चों में मैदानी खेलकुद की कमी हो जाना कितना गंभीर है?

आज भी हमें यह देखने को मिलता है की,बच्चें मैदान में खेलने से ज्यादा आमतौर पर मोबाईल पर ज्यादा खेलते है. या कम्प्युटर पर भी खेलते दिखाई देते है. विडीओ गेम, गेम झोन, सायबर कॅफे में बच्चें दिखाई देते है.
क्या बच्चों को मैदानी खेल से ज्यादा मोबाईल से लगाव है? क्या मैदानी खेल उन को महत्वपुर्ण नहीं रहा?

इस बात पर बच्चों के परिवारजन एवं माता-पिता को ध्यान देना होगा. ताकी बच्चें मैदानी खेल खेले, उसका आनंद भी लें. और उस खेल से सबक भी ले. ताकी आनेवाली सदियों तक मैदानी खेल जिवीत रहें.

क्या करना होगा की बच्चों को मैदान में उतारा जाये?

आपके बच्चो को आप मैदानी खेल का महत्व स्पष्ट कर दें. उन्हें बताए की मैदानी खेल मनुष्य को क्यों आवश्यक है.. उन्हें मैदान में उतरने के लिए प्रोत्साहित करें. ताकि आपका बच्चा खेलें कुद भी करें और वह खेल सिखे भी. कबड्डी, कुश्ती, दौड़, लुका छिपी, जैसे खेल उन्हें समझाने की कोशिश करें. या समय निकालकर उनके साथ खेलें.

खेल कूद करने से आत्मविश्वास बढता है. उर्जा मिलती है, शरीर साफ एवं स्वस्थ रहता है. दौड़ करने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करने की कोशिश करें. आप भी उनके साथ दौड़ में हिस्सा ले ताकि बच्चो का उत्साह बना रहे.

खेल के साथ ही बच्चों का शरीर काफी लचीला एवं तंदरुस्त बना रहता है. मैदानी खेल बच्चों को बेहद जरुरी है. ताकि बच्चों की थकान दूर हो. बच्चें उत्साहित रहे. मैदानी खेल के साथ ही बच्चों में कसरत, मदद करना, हार एवं जित की सिख मिलती हैं.

मैदानी खेलके माध्यम से बच्चों में निर्णय क्षमता विकसित होती है. परिक्षा के लिए वह महत्वपूर्ण भूमिका बनती है.

खेलके साथ ही बच्चे जिम्मेदारी भी सिखते है. जो आने वाले कल को बेहद जरुरी है. बच्चों को खेल के लिए प्रेरित करें, ताकि वह बाकी बच्चों समेत खेलें. आवश्यकता के समय उसके खेल को बढ़ावा देने की कोशिश करें. वह सफल हो सके.

मैदानी खेेल क्यों आवश्यक हैं ?

शरीर स्वस्थ रहने के लिए मैदानी खेल की आवश्यकता होती हैं.आपका शरीर जितना तंदुरुस्त रहे उतना आपके लिए फायदेमंद साबित होता है. बच्चो का वजन संभावित स्थिती में बना रहता है. खेल के माध्यम से बच्चें आत्मविश्वास निर्माण करना सीखते है. हार और जीत का अंतर उन्हें खेल के माध्यम से समझता है.

बच्चें अगर बुरे दौर से गुजर रहे हो तो खेल एक प्रभावी माध्यम साबित होता है. बुरा दौर खेल के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है.

बच्चें मन के सच्चे होते है खेल से बच्चें दिनभर उत्साहित रहते है. मैदानी खेल से बच्चों को फालतू समय खर्च करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता. समय बचना एवं समय को नियंत्रित करना. समय का उपयोग करना बच्चें मैदानी खेल के माध्यम से हमेशा सीखते है.

मोबाइल गेम का बच्चों को उपयोग ना करने दे.

आम तौर पर बच्चें ज्यादा समय खेल मोबाइल पर ही खेलते है. या अपना कीमती समय मोबाइल पर बिताते है. बच्चों को मोबाइल से दूर रखना परिवारजन एवं माता पिता का काम है.

मोबाइल पर गेम खेलने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है. समय से पहले ही बच्चों को चश्मा लगता है. आंखे खराब होती है. चश्मे का नंबर बढ़ता है.

या यूं कहिए की काम आयु में बच्चों पर बुरा असर पड़ता है. जो हमें दिखाई नहीं देता. ध्यान रखें बच्चें मोबाइल से जितना दूर रहे उतना आपके लिए बेहतर होगा. टीवी,कम्प्यूटर,वीडियो गेम, ऐसी चिंजों से बच्चों में सही दूरी या नियंत्रण बनाए रखना बेहद जरूरी होता है.

ताकि बच्चें आनेवाली जिंदगी आसानी से जी सके. आनेवाली पीढ़ी को वह बता सके कि मैदानी खेल क्यों आवश्यक है. बेहतर होगा कि माता पिता बच्चो को घर में ही रहने की जिद ना करें. यह जिद आपको आने वाले दिनों में खतरनाक एवं खर्चीली साबित हो सकती है. इसका हमेशा ध्यान रखें.

मैदानी खेल खेलने की पर्याप्त चीजें बच्चों को दे ताकि वह समय समय पर उसका उपयोग कर सके.

खेल के साथ भारत की विशेषता जुड़ी हुई है.

परंपरा भी है, मैदानी खेल का एक गौरवशाली इतिहास भी. उसको हमेशा बढ़ावा दे. ताकि आनेवाले दिनों भारत एक उज्वल भारत हो. वह उज्वल भारत निर्माण करने की क्षमता अपने बच्चों में है. इसका हमेशा याद रहें.

© योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया