दोस्तों, लक्ष्य बनाने से ज्यादा सिस्टम का पालन करना महत्वपूर्ण है, इस विषय के लेख की श्रृंखला का तीसरा और आखरी भाग इस लेख में पढ़ेंगे.
अच्छी आदतें डालकर और उचित वातावरण के सहयोग से हम काफी कुछ पा सकते हैं.
अब बात करते हैं पेपर क्लिप स्ट्रेटजी अर्थात रणनीति के बारे में! यह एक ऐसी रणनीति है जिसने एक सामान्य बैंक कर्मचारी को 6 अंकों की सैलरी दिला दी.स्टीफन नाम के बैंक कर्मचारी के टेबल पर दो जार रहते थे. एक जार में 120 पेपर क्लिप्स होते थे और दूसरा खाली रहता था. स्टीफन हर रोज सेल्स कॉल करता था. एक कॉल खत्म करने के बाद वह एक पेपर क्लिप उठाकर दूसरी जार में डालता था. इस तरह वह हर रोज कम से कम 120 कॉल करता था. स्टीफन की इस रणनीति ने बैंक को कुछ ही महीनों में कई मिलियन डॉलर का फायदा करवाया, जिससे उसकी सैलरी 5 अंको से बढ़कर 6 अंकों की हो गई. पेपर क्लिप्स रणनीति के उपयोग से आप अपनी प्रगति के दृश्य उपाय कर सकते हैं.
क्या है ‘द गोल्डीलॉक्स जोन’!
हमने हमेशा इस वाक्य को सुना है या फिर पढ़ा है कि, ‘थिंक आउट साइड ऑफ द बॉक्स’ या फिर ‘अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलो’. लेकिन कोई विशेष रूप से यह नहीं बताता की कौन से बॉक्स या फिर किस कंफर्टेबल जोन की बात हो रही है? इस समस्या का समाधान एटॉमिक हैबिट्स में दिया गया है, जिसका नाम है ‘द गोल्डीलॉक्स जोन’!
मनुष्य के दिमाग को चुनौतियां पसंद है, लेकिन वही चुनौतियां जो हमारे विचार के कठिनाई स्तर के ऑप्टिमल जोन में आती हैं. उदाहरण के तौर पर, मान लो, आपको टेनिस खेलना बहुत पसंद है. लेकिन अगर आप किसी 10 साल के बच्चे के साथ टेनिस खेलना चालू करेंगे तो जल्द ही बोर हो जाएंगे, क्योंकि वह बहुत आसान है. उससे उल्टा अगर आप टेनिस के प्रोफेशनल प्लेयर रॉजर फेडरर या सेरेना विलियम्स के साथ खेलना चालू करेंगे, तो आप जल्द ही अपनी प्रेरणा खो देंगे, क्योंकि वह बहुत ही कठिन होगा. लेकिन जब आप अपने रोज के दोस्त के साथ खेलेंगे, तो कभी आप जीतेंगे और कभी वह जीतेगा. आप तभी जीत पाएंगे जब आप थोड़ा सा ज्यादा प्रयास लगाएंगे और यही है गोल्डीलॉक्स जोन.
यह बताता है कि इंसान तभी ज्यादा प्रेरित होता है, जब वह न तो ज्यादा कठिन और नहीं ज्यादा आसान चरण पर हो!इसलिए हमें भी अपने कंफर्टेबल जोन को खिंचने के लिए अपनी कठिनाई स्तर से थोड़ा दूर जाना है, लेकिन याद रहे थोड़ा सा ही दूर जाना है, वरना वही बात उदासी का कारण भी बन सकती है.
आज ज्यादातर लोग असफलता की वजह से नहीं बल्कि उदासी की वजह से सफलता प्राप्त नहीं कर सकते, क्योंकि किसी भी चीज पर प्रभुत्व हासिल करने के लिए आपको एक ही काम बार-बार करना पड़ेगा. यही बात आपको उदास होकर काम छोड़ने के लिए काफी हो सकती है. बहुत से लोग इस बात पर विश्वास कर लेते हैं कि सफल लोगों के पास जुनून होता है, लेकिन कई सारे लोगों का यह कहना है कि सफल लोग भी सामान्य लोगों की तरह ही बोर होते है, परन्तु वे प्रयत्न करना नहीं छोड़ते और यही बात उन्हें सफल बनाती है.
जेम्स क्लियर की ‘एटॉमिक हैबिट्स’ यह किताब आदतों के सभी मुद्दों को कवर कर लेती है. अगर आप आदतों को समझना चाहते हैं तो आपके लिए ‘एटॉमिक हैबिट्स’ यह किताब बहुत ही अच्छी और किफायती साबित होगी जिसे आपको जरूर पढ़नी चाहिए.आप इस किताब को खरीदना चाहते हैं तो नीचे दिए लिंक पर अभी क्लिक करें.
आशा है कि इस किताब को पढ़कर आप जरूर कुछ नया सीख पाएंगे.
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© संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया
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