बच्चे जिन्हें स्वर्ग के फुल कहां जाता है, या फिर देवता, नाना-नानी इन में अपना बचपन ढुंढते है क्या बच्चों से मित्रता का व्यवहार करते है?
चिल्ड्रन हमेशा उनके बचपन में जो घटनांए उनके साथ जुड़ी है उसे हमेंशा ध्यान में रखते है. उसीका पालन करते है.
बच्चों को हमेशा सही तरह का बरताव करना सिखाए ताकी वह गलत बरताव ना करें और आपको परेशानी का सामना ना करना पड़े.
चिल्ड्रनकी मनपसंद चीजें खाना, खिलोना,दुर यात्रा, इन सब चीजों का ध्यान रखें.
बच्चों के गलतीपर उन्हें जोर से ना डांटे! उस की समस्या का निराकरण मैत्रीपूर्ण व्यवहार से करें,साथ ही साथ उसे महसूस हो कि आप उसके माता-पिता है ओर वह उसे डांट रहे है.
चिल्ड्रन को मोबाईल, इंटरनेट से दुर रखें तबतक जबतक वह उसके काबिल नहीं होता या सिखने का प्रयास नहीं करता.
उसे उन चींजो का ज्ञान दें जो उसे उसकी आगे की जिंदगी के लिए उपयोगी हो.
बच्चों को उन की चीजें सही जगह पर रखने के लिए ओर साफ रखने के लिए प्रोत्साहित करें.
चिल्ड्रन को अनुशासन का महत्त्व सिखाए, अनुशासन मनुष्य के लिए क्यों उपयोगी है उसे समझाए.
बेहतर है की बच्चों को बच्चों की समस्या हल करने दे, आप सिर्फ बताए कि सही ओर गलत क्या है?
बच्चों को मॅगझीन, न्यूजपेपर,काॅमिक्स, किताबें, उसके उम्र कि हिसाब से दें.
बच्चों को अपने मित्र खुद चुनने दे, ओर अपनी जिंदगी का रास्ता भी.
आप चिल्ड्रन पर अतिरिक्त बोझ ना डाले अपेक्षा ना रखें उसे वह स्वतंत्रता दे जो आपको नहीं मिली हो.
बच्चों के मन जो डर बैठा हो उसे खत्म करने की कोशिश करें ताकी वह सफल हो सके.
चिल्ड्रन के साथ उनके उम्र के हिसाब से पेश आए.
बच्चे किस तरह का ग्यान लेना पसंद करते है. ध्यान रखें क्या वह उस मार्ग पर चल रहा है.
चिल्ड्रन पर विशेष ध्यान रखें जब वह लेन देन के व्यवहार के काबिल हुआ हो.
उसे सच्चाई का महत्त्व समझाए, उसे सच्चाई के मार्ग पर चलने दें.
उम्र से बड़ो के साथ उसका बरताव हमेशा कैसा रहता है उसे समझे.आवश्यकता हो तो डांटे या समझाए.
आप बच्चों से ऐसा व्यवहार करें ताकी आपका बच्चा मानो आपका बच्चा नहीं आपका दोस्त हो.
बच्चों के सामने आपसी झगड़े जो घर में होते है उसे चिल्ड्रन के सामने पेश ना करें.
-योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया