दोस्तों, आप तो जानती ही है की कोविड-19 इस वैश्विक बीमारी ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा दिया है. लाखों लोग मारे जा चुके हैं. लेकिन अभीतक इस पर कोई Vaccine या टीका उपलब्ध नहीं है. बहरहाल हमारे पास इस बीमारी से बचे रहने का एक ही उपाय है और वह है- अपने शरीर की Immunity power अर्थात रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाना! इस रोग प्रतिकारक शक्ति को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक वनस्पति में कई सारे उपाय बताए गए हैं. इन्हीं में से एक उपाय पर आज हम चर्चा करेंगे.
गिलोय- आयुर्वेद की एक बहुत बड़ी देन
आपने गिलोय का जूस या गिलोय घनवटी या फिर इसकी टेबलेट के बारे में सुना होगा या फिर इसका आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल भी किया होगा.
गिलोय एक प्राचीन औषधि वनस्पति है. आप अपने बगीचे में भी इसका पौधा लगा सकते हैं. इसे उगाने के लिए सूरज के ज्यादा रोशनी की भी जरूरत नहीं पड़ती.
हमारे प्राचीन आयुर्वेद की मान्यतानुसार पत्थर की खरड़ या मसाले कुटने की लंगरी पर पीसकर तैयार किया गया गिलोय का काढ़ा बहुत ही लाभदायक होता है.
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए आपको इसके जड़ को एकदम पतला होने तक कूट लेना है. इसके बाद लगभग एक गिलास पानी में यह काढ़ा मिला ले. यह काढ़ा एक बर्तन में लेकर गैस पर गाढ़ा होने तक इसे उबाल लें. एक गिलास काढा लगभग आधा गिलास होने तक इसे उबालें.
गिलोय का काढ़ा रोज सुबह खाली पेट, बिना कुछ खाए, गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं.आप स्वस्थ हो या फिर आपको कोई बीमारी हो, इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है. आप इसे हमेशा के लिए भी ले सकते हैं. गिलोय एक ऐसी औषधि वनस्पति है, जिसका किसी भी चीज में परहेज नहीं होता है. सभी उम्र के लोग इसका बहुत ही सुलभता से सेवन कर सकते हैं.
गिलोय के सेवन की विधी और इसके फायदे
– सभी उम्र के लोगों को, फिर चाहे वह बच्चे हो, बूढ़े हो या फिर जवान हो, गिलोय वनस्पति का सेवन आधे गिलास की के काढ़े जितना ही करना चाहिए.
– आपको किसी भी तरह की सर्दी, जुकाम या खांसी की कितनी भी पुरानी परेशानी हो, गिलोय के सेवन से आप उस पर नियंत्रण पा सकते हैं.
– आपके शरीर की इम्यूनिटी पावर अर्थात रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने के लिए भी गिलोय बहुत उपयोगी है. इसकी वजह से इम्यूनिटी पावर इतनी बढ़ सकती है कि मौसम बदलने की वजह से आपको किसी भी तरह की बीमारी होने की संभावना ना के बराबर होती है.
– इसके अलावा आपके दांतों के दर्द में, या आपके खून की, प्लेटलेट की कमी में, जोड़ों में, घुटनोंमे, हाथ या पैरों के भी सभी प्रकारके दर्द में भी यह बहुत लाभदायक साबित होता है.
– गिलोय का सबसे अच्छा उपयोग आप इसे पीसकर ही कर सकते हैं. इसके लिए आपको गिलोय की सुखी डंडी या फिर इसकी जड़ लेनी होगी. यह आपको किसी भी आयुर्वेदिक या फिर किराना दुकान पर मिल जाएगी. इसके साथ आप तुलसी की 5 हरी पत्तियां, आधा इंच अदरक का टुकड़ा, आधा इंच हल्दी का ताजा टुकड़ा, आधी चुटकी काली मिर्च और थोड़ा सा शहद मिलाकर चटनी की तरह इसे पीस लें. इस मिश्रण को दिन में तीन बार खाना खाने से पहले चाट लें. यह उपाय आपके इम्यूनिटी को इतना ज्यादा मजबूत बना देगा कि कोई भी वायरल अटैक या फिर बाहरी जंतुओं की बीमारी का आप पर कोई भी असर नहीं होगा.
– अगर आप यह उपाय नहीं कर सकते है, तो कम से कम आधे गिलास पानी में गिलोय वनस्पति की एक डंडी उबालकर इसे रोज थोड़ा-थोड़ा पीने से भी आपको बहुत ज्यादा लाभ हो सकता है.
– इसी के साथ सुबह उठकर बिना कुछ खाए, आप एक गिलास पानी के साथ तुलसी के पांच पत्ते, दो नीम के पत्ते और साथ में 10 ग्राम गिलोय की डंडी डालकर अच्छे से कूट लें और उसके बाद इस मिश्रण को उबाल लें.
– अगर आप आधी चुटकी हल्दी के साथ इसमें अदरक का रस डालकर इस मिश्रण को पीते हैं, तो सर्दी, जुकाम, दमा या सांस फूलने की भी समस्या से छुटकारा देता है.
– गिलोय आपके शरीर में किसी भी तरह से आई थकान या फिर दुर्बलता से भी छुटकारा दे सकता है. इसके लिए 5 सेेे 10 ग्राम की मात्रा में गिलोय की डंडी को बारिक तरह से कूट लें. इसके साथ 1 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण, 1 ग्राम सफेद मूसली चूर्ण और शहद के साथ इस काढ़े को किसी भी मरीज को चटा दें तो यह उसकी ताकत बढ़ाने, साथ ही चुस्ती और फुर्ती लाने में भी और रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढ़ाने में बहुत लाभदायक होता है.
नोट: वाचक कृपया ध्यान दे कि इस उपाय के दुष्परिणाम भी हो सकते है. किसी भी उपाय को लागू करने से पहले इस विषय में विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना लाभप्रद और सार्थक होगा.
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