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कैसे हो दोस्तों, आज हम अकबर बीरबल की ‘जो होता है, भले के लिए ही होता है’ यह कहानी पढ़ेंगे. तो आइए बिना वक्त गवाएं कहानी पढ़ें.
एक दिन बादशाह अकबर अपने वजीर बीरबल के साथ बैठा था. उसे आम खाने की इच्छा हुई तो उसने सैनिकों को आम लाने का आदेश दिया.सैनिकों ने तुरंत बादशाह के सामने आम की टोकरी पेश की. बादशाह ने उस टोकरी में से एक आम निकाल कर काटना शुरू किया. उसी समय बादशाह की उंगली थोड़ी सी कट गई. बादशाह दर्द से कराहने लगा.
तभी पास में बैठे बीरबल ने कहा, “जहांपनाह, जो होता है, भले के लिए ही होता है.”बिरबल की इस बात पर बादशाह अकबर को बहुत गुस्सा आया. उसने कहा, “यहां मेरी उंगली कट गई है. मुझे बहुत दर्द हो रहा है और तुम्हें हंसी आ रही है.”
उसने गुस्से में सैनिकों को आदेश दिया कि बीरबल को कारागृह में डाल दिया जाए. फिर भी बीरबल ने कारागृह में जाते हुये कहां, “जो होता है, भले के लिए ही होता है.”
दूसरे दिन बादशाह अकबर शिकार करने के लिए जंगल में निकल गये.लेकिन जंगल में जाते समय रास्ता भूल गए. रास्ता खोजते खोजते, गलतीसे दूर-दराज आदिवासी इलाके में पहुंच गए. वहां के आदिवासियों ने बादशाह को बंदी बना लिया और अपने मुखिया के सामने पेश किया.
मुखिया ने बादशाह को देखकर अपने सैनिकों को आदेश दिया, “उसे यहां लेकर आओ. हम अपने देवता को इसकी बलि चढ़ाएंगे.” सभी ने मिलकर बादशाह को एक खंबे से बांध दिया.
उसी समय एक वृद्ध और अनुभवी आदिवासी ने बादशाह की कटी हुई उंगली देखते हुए कहा, “रुक जाओ. यह नहीं चलेगा. इसकी तो उंगली कटी हुई है. हमारे देवता को इस प्रकार की बलि मंजूर नहीं होगी. इसे छोड़ दो, जाने दो.” और तभी बादशाह को बीरबल की बात याद आई. वह मन में बोला, “बीरबल ने जो भी कहा था, ठीक कहा था. जो भी होता है, अच्छे के लिए ही होता है.”
अपने महल लौटते ही बादशाह अकबर ने तुरंत बीरबल को कैद से छुड़ाने की आज्ञा दी.
कारागृह से छूटने के बाद बीरबल बादशाह के सामने आया, तो बादशाह ने उससे पूछा, “बीरबल, उस दिन जब तुम्हें कारागृह में डाल दिया गया था, तब भी तुमने यही कहा था कि जो भी होता है, भले के लिए ही होता है. यह कैसे?”
तब बीरबल ने हंसते हुए जवाब दिया, “जहांपनाह, अगर आप मुझे कारागृह में नहीं डालते, तो मैं आपके साथ जंगल में जरूर गया होता और फिर आदिवासियों ने आपको छोड़कर मुझे उनकी देवता को बलि चढ़ाया होता.”
बादशाह को भी उसका कहना उचित लगा और उसने कहा, “तुम्हारा कहना सही है बीरबल. जो होता है, भले के लिए ही होता है.”
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© संतोष साळवे
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया