मूर्ख कौआ: A foolish crow (Hindi Story)

इस कहानी में जिसका शीर्षक है “मूर्ख कौआ” हम बड़प्पन कितना भरी पड सकता है ये देखेंगे..

एक बाज़ ने भेड़ चराई के चरागाहों में से एक छोटे मेमने पर शिकार करने के लिए निशाना साधा और वह उसको खाने के लिए लें झपट पड़ा. बाज़ के इस साहस और हिम्मत को देख कर जंगल के सभी पशु-पक्षी उसके डर से काँपने लगे.

एक मूर्ख कौए ने सभी पशु-पक्षियों को बाज़ के इस हिम्मत की सराहना करते हुए देखा. वह सोचने लगा की अगर बाज़ ने शिकार किये मेमने से भी बड़ा शिकार मै भी कर लूं, तो बाज़ से भी अधिक मेरा मान-सम्मान बढ़ेगा. बाज़ से अधिक मेरी प्रतिष्ठा बढ़ेगी.

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इसलिए उस कौए ने एक बड़े मेमने पर नजर रखी, और उसके पीठ पर झपट्टा मार कर उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन वह मेमना उठाए जाने के जगह पर उस मूर्ख कौए के पैर उस मेमने के ऊन में धंस गए. वहां से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने पर को हिलाना एवं जोरों शोरों से चिल्लाना शुरू किया. मूर्ख कौए का चिल्लाना उस चरवाहे को सुनाई दिया.

चरवाहा उस मूर्ख कौए की आवाज सुनकर उसके पास आ गया. *उसने उस कौए को छुटकारा दिलाकर उसे एक पिंजरे में कैद कर लिया और उस पिंजरे समीत उसे अपने बच्चों को सौंप दिया. बच्चों ने अपने पिता से पूछा, ” पिताजी इस पकड़े हुए पंछी का नाम क्या है? बच्चों की इस बात पर हंसकर चरवाहा ने जवाब दिया, की इस पंछी को तुम अगर इसका नाम पूछोगे तो बड़प्पन के लिए ये पंछी बाज़ से भी अधिक खुद की पहचान बताएगा. लेकिन वास्तव में यह एक मूर्ख कौआ ही हैं.

तात्पर्य:- कुछ लोगों को बड़प्पन दिखाने की आदत होती है. वे कितना भी बड़प्पन क्यों न दिखाएं, फिर भी जानकार लोग बड़प्पन दिखाने वाले व्यक्तियों की पात्रता को पहचान ही लेते है.

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? अनुवादक
योगेश बेलोकार
एस सॉफ्ट ग्रुप इंडिया